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मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को पूछताछ के लिए समन किया है. ये पूछताछ बांद्रा में प्रवासी मजदूरों के इकठ्ठा होने पर गोस्वामी के बयान के खिलाफ दर्ज एक शिकायत के सिलसिले में है. अर्नब गोस्वामी के खिलाफ 2 मई को एफआईआर दर्ज की गई थी.
ये उस पूछताछ के एक महीने बाद आया है, जब पालघर मॉब लिंचिंग घटना और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर गोस्वामी के कमेंट को लेकर पुलिस ने उनसे 12 घंटों तक पूछताछ की थी. अर्नब गोस्वामी पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ 'अपमानजनक टिप्पणी' करने और समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगा था.
सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को अर्नब गोस्वामी की उस याचिका को खारिज कर दिया था. जिसमें उन्होंने उनके खिलाफ मामलों की जांच महाराष्ट्र पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था. कोर्ट ने माना कि पुलिस को इन मामलों की जांच करने का अधिकार है, और ये मामला ट्रांसफर के आदेश के लिए किसी भी आधार को पूरा नहीं करता है.
केस को महाराष्ट्र पुलिस से CBI को ट्रांसफर करने के मामले में जजों का मानना था कि हमेशा से ऐसे केसों में पुलिस के पास जांच करने का अधिकार होता है. अगर अर्नब गोस्वामी इसे रद्द कराना चाहते हैं तो वो आम प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं. जैसे कि वो बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
इस सुनवाई के दौरान, गोस्वामी के वकील, हरीश साल्वे ने ये प्वॉइंट भी रखा था कि गोस्वामी से पूछताछ करने वाले पुलिसकर्मियों में से एक का COVID-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है. साल्वे ने 14 अप्रैल को बांद्रा में प्रवासी मजदूर के इकट्ठा होने की घटना के संबंध में रिपब्लिक टीवी के एडिटर के खिलाफ दर्ज एक नई एफआईआर की वैधता पर सवाल उठाया था.
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