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अर्नब की याचिका SC से खारिज,कोर्ट ने केस CBI को सौंपने से मना किया

अर्नब गोस्वामी से मुंबई पुलिस ने की थी 12 घंटे पूछताछ

वकाशा सचदेव
भारत
Published:
अर्नब गोस्वामी से मुंबई पुलिस ने की थी 12 घंटे पूछताछ
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अर्नब गोस्वामी से मुंबई पुलिस ने की थी 12 घंटे पूछताछ
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को रिपब्लिक चैनल के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की याचिका ठुकरा दी. इस याचिका में अर्नब ने मांग की थी कि उनके खिलाफ सांप्रदायिकता फैलाने को लेकर चल रहे केस की जांच महाराष्ट्र पुलिस से CBI को ट्रांसफर कर दी जाए. इस केस में 11 मई को जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ और एमआर शाह ने अर्नब गोस्वामी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था.

अर्नब ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी कि उनके खिलाफ पालघर लिंचिंग और बांद्रा प्रवासी मजदूरों की भीड़ को लेकर किए गए टीवी शो के मामले में जो एफआईआर दर्ज की गई थी, उसको ट्रांसफर कर दिया जाए. हांलाकि इसके पहले अर्नब मांग कर चुके थे कि इन केस को रद्द कर देना चाहिए क्योंकि ये केस बतौर पत्रकार उन्हें चुप कराने के लिए लगाए जा रहे थे.

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाय चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में प्रेस की स्वतंत्रता और महत्व पर जोर दिया, लेकिन उन्होंने बताया कि ये ‘निरंकुश’ नहीं है. इसलिए कोर्ट ने अर्नब गोस्वामी के खिलाफ हुई FIR को रद्द करने से मना कर दिया.
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हांलाकि अर्नब गोस्वामी के खिलाफ पालघर लिंचिंग वाले केस में अलग-अलग राज्यों में कई सारी प्रतीकात्मक FIR दर्ज की गईं थीं. कोर्ट ने मुंबई में जिस FIR को लेकर जांच चल रही है, उसको छोड़कर बाकी सभी FIR को रद्द करने को कहा है.

केस को महाराष्ट्र पुलिस से CBI को ट्रांसफर करने के मामले में जजों का मानना था कि हमेशा से ऐसे केसों में पुलिस के पास जांच करने का अधिकार होता है. अगर अर्नब गोस्वामी इसे रद्द कराना चाहते हैं तो वो आम प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं. जैसे कि वो बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं. वहीं गोस्वामी की गिरफ्तारी से राहत को अगले 3 हफ्तों के लिए बढ़ा दिया गया है.

मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. हरीष साल्वे अर्नब गोस्वामी का पक्ष रख रहे थे. साल्वे  ने कहा कि  'ये राजनीतिक पार्टी द्वारा एक पत्रकार को टारगेट करने का मामला है.' उन्होंने ये भी याद दिलाया कि जिन पुलिसकर्मियों ने गोस्वामी से पूछताछ की थी वो कोरोना पॉजिटिव निकले.

देश के कई राज्यों में दर्ज हुई थी अर्नब पर FIR

दरअसल अर्नब गोस्वामी ने अपने चैनल पर एक डिबेट के दौरान सोनिया गांधी को पालघर में हुई साधुओं की हत्या के लिए “खुश” बताया. वहीं गोस्वामी ने सोनिया गांधी को लेकर ‘संतो को मरवाने’ जैसी कई टिप्पणियां भी कीं. देश के कई हिस्सों में कांग्रेस नेताओं ने इसके बाद अर्नब गोस्वामी पर एफआईआर दर्ज कराई.

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