advertisement
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में अब तक कोरोनावायरस के करीब 50 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. सिर्फ भोपाल शहर में कुल संक्रमित करीब 110 लोगों में से आधे स्वास्थ्य विभाग से ताल्लुक रखते हैं. अब सवाल उठने लगे हैं कि राज्य सरकार के स्वास्थ्य महकमे में इतनी बड़ी तादाद में अधिकारी और कर्मचारी कोरोना से संक्रमित कैसे हो गए और अब तक सरकार ने इनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए क्या किया.
स्वास्थ्य विभाग के हर स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों को कोरोना वायरस ने अपनी जद में लिया है.
स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन भी कई दिनों तक बैठकों में हिस्सा लेती रहीं और उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकला. गोविल पर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए जा रहे हैं. जिनमें आरोप लगाया जा रहा है कि इनका बेटा अमेरिका से लौटा है, नतीजा ये हुआ कि ये खुद कोरोना पॉजिटिव हैं.
लेकिन मध्य प्रदेश के जनसंपर्क विभाग ने पल्लवी जैन गोविल पर लग रहे इन आरोपों की सफाई में एक प्रेस नोट जारी किया जिसके मुताबिक-
स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर फैज अहमद किदवई ने क्विंट को बताया कि मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के करीब 48 अधिकारियों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव निकला है. इसके अलावा उन्होंने मीडिया से कहा था संक्रमित अफसरों की कॉन्टैक्ट हिस्ट्री और इसके ट्रांसमिशन की पड़ताल करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं. जांच के परिणाम सामने आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. किदवई ने कहा कि प्रभावित व्यक्ति किन लोगों से किस क्रम में मिले और यह कहां से आरंभ हुआ, इसकी ट्रेसिंग आवश्यक है.
जब हमने हेल्थ कमिश्नर फैज किदवई से कॉन्टेक्ट हिस्ट्री की जांच पर अपडेट पूछा तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से मना कर दिया. इस संबंध में हमने भोपाल के जिला कलेक्टर से कॉन्टेक्ट हिस्ट्री की जांच की अपडेट लेने के लिए संपर्क किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया, उनका जवाब आने पर ये स्टोरी अपडेट की जाएगी.
अब तक भोपाल में कुल पॉजिटिव केस की संख्या 110 के पार पहुंच चुकी है और करीब आधे संक्रमित का संबंध स्वास्थ्य महकमे से ही है. ऐसे में सवाल तो बनता है कि जब एक ही विभाग से इतने सारे मरीजों की संख्या आई है तो अभी तक इसकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग क्यों नहीं हुई.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)