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पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का दिल्ली के निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. उनके बेटे रोहन जेटली ने उन्हें मुखाग्नि दी.लंबी बीमारी के बाद 24 अगस्त को 66 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद जेटली 9 अगस्त से एम्स में भर्ती थे.
अरुण जेटली को अंतिम विदाई देने बीजेपी के दिग्गज नेता पहुंचे. उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह निगमबोध घाट पर नजर आए.
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे जेटली ने सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया था. जेटली ने अपने स्वास्थ का हवाला देते हुए मंत्री पद नहीं लिया था.
जेटली के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने अपना एक दोस्त खो दिया है. बहरीन में एक कार्यक्रम में उन्होंने अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने ट्वीट किया, "एक शानदार वकील, एक अनुभवी सांसद, और एक प्रतिष्ठित मंत्री, उन्होंने राष्ट्र निर्माण में बहुत योगदान दिया."
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