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पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का दिल्ली के निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार हो चुका है. लंबी बीमारी के बाद 24 अगस्त को 66 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. सांस लेने में दिक्कत और बेचैनी की शिकायत के बाद जेटली 9 अगस्त से एम्स में भर्ती थे.
पेशे से अरुण जेटली वकील थे. 37 साल की उम्र में भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बने. अपने करियर में बोफोर्स घोटाला समेत कई हाई प्रोफाइल केस देखे. 2009 में राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनने के बाद उन्होंने अपनी प्रैक्टिस छोड़ दी थी.
साल 1991 में अरुण जेटली बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने. उनकी कार्यक्षमता की वजह से उन्हें 1999 से 2004 के बीच वाजपेयी सरकार में कानून और न्याय, कॉमर्स और इंडस्ट्री और कॉर्पोरेट अफेयर्स जैसे प्रमुख विभाग दिए गए.
2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद उन्हें रक्षा, वित्त और कॉर्पोरेट अफेयर्स जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए. वित्त मंत्री के रूप में उन्हें जीएसटी लागू करने का श्रेय जाता है. नोटबंदी के बाद व्यवस्था को पटरी पर लाना उनके कार्यकाल की एक और बड़ी उपलब्धि थी.
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