advertisement
बीजेपी के सीनियर लीडर और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कुमार विश्वास के खिलाफ मानहानि का केस वापस ले लिया है. बता दें कि कुमार विश्वास ने अरुण जेटली को चिट्ठी लिखकर केस वापस लेने की गुजारिश की थी. जिसके बाद अरुण जेटली ने ये फैसला लिया.
कुमार विश्वास ने अरुण जेटली को चिट्ठी में लिखा है कि अपनी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के कहने पर ही उन्होंने उनकी बात दोहराई थी और अब अरविंद केजरीवाल उनसे संपर्क में नहीं हैं और वो झूठ बोलकर स्वयं गायब हो गए हैं.
कुमार विश्वास ने लिखा है,
विश्वास ने लिखा है कि अरविंद आदतन झूठे हैं और पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते उन्होंने सिर्फ अरविंद की बात दुहराई थी.
बता दें कि मानहानि केस में अरविंद केजरीवाल समेत दूसरे सभी आम आदमी पार्टी के नेताओं के माफी मांग लिए जाने के बाद विश्वास इस मामले में अकेले रह गए थे.
कुमार विश्वास ने चिट्ठी के आखिरी में लिखा है कि मैं कवि हूं, इस पत्र के समाहार में शायद इन चार पंक्तियों से अपनी मनःस्थिति को ठीक से बयां कर सकूं-
"पराये आंसुओं से आंख को नम कर रहा हूं मैं,
भरोसा आजकल खुद पर भी कुछ कम कर रहा हूं मैं,
बड़ी मुश्किल से जागी थी जमाने की निगाहों में,
उसी उम्मीद के मरने का मातम कर रहा हूं मैं!"
बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने इन लोगों के खिलाफ 10 करोड़ रूपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया था. जेटली ने केजरीवाल और आप के 5 नेताओं के खिलाफ दिसंबर 2015 में एक मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
इन नेताओं ने जेटली पर दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन ( DDCA ) के अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय अनियमितता करने का आरोप लगाया था. बीजेपी नेता ने सभी आरोपों का खंडन किया था. जेटली की ओर से पेश हुये वकील माणिक डोगरा ने विश्वास की इस दलील को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं का ही पालन किया था. डोगरा ने कहा कि पहले आरोप लगाते समय विश्वास ने दस्तावेज देखने का दावा किया था.
ये भी पढ़ें- ‘आपके LG हर काम में रोड़ा अटकाते हैं’,केजरीवाल का पीएम मोदी को खत
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)