advertisement
पूरे देश में इस समय पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प की चर्चा है. 15 जून को हुई इस खूनी झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए. चीन के भी कई सैनिकों के मारे जाने की खबर है. इस मामले पर तो चर्चा चल ही रही है, लेकिन ऐसी ही एक घटना अरुणाचल प्रदेश में भी हुई है. हालांकि अरुणाचल में ये घटना हिंसक नहीं हुई.
इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जवान अपने रूटीन पैट्रॉल पर थे जब अचानक से चीन की आर्मी के जवान हमारे जवानों के सामने आ गए. धीरे-धीरे बातचीत बहस में बदल गई. बाद में दोनों देशों की सेना ने अपने झंडे दिखाए और अपनी जमीन पर लौट गए.
इस घुसपैठ की खबर का खुलासा बीजेपी नेता और सांसद तपीर गाओ ने किया था. गाओ के मुताबिक, चीन के सैनिक एन्रेला घाटी में भारतीय क्षेत्र में 12 किमी अंदर आ गए थे. गाओ ने कहा था कि भारतीय सेना को अपने समर कैंप हटाने पड़े थे और वो बेस कैंप लौट गए थे.
इलाके से आईं तस्वीरों और वीडियो में उस कथित घुसपैठ की जगह दिखती है. ऐसा माना जाता है कि घटना जुलाई-अगस्त के महीने में हुई थी.
एन्रेला घाटी मिपी के उत्तर-पूर्वी छोर पर पड़ती है. मिपी जिले का आखिरी प्रशासनिक सर्किल है.
सूत्रों ने बताया, "खाने का सामान, रैपर जैसी चीजें बॉर्डर पर मिलना साफ दिखाता है कि चीन की सेना बॉर्डर पर हाल ही में कैंपिंग कर रही थी. पिछले कुछ दिनों में धुआं भी दिखा है."
भारत-चीन बॉर्डर के पास के अंजाव जिले के एक ग्रामीण ने कहा कि लद्दाख में झड़प के बाद भारतीय सेना अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर पर पहुंच गई है. पहले ITBP दिखती थी लेकिन अब सेना ने कमान संभाल ली है. भारत-चीन बॉर्डर पर कोवर्ट ऑपरेशन के लिए बनी स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) भी अब सक्रिय हो गई है.
(ये खबर EastMojo के साथ अरैंजमेंट में छपी है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)