Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अरुंधति रॉय पर चलेगा UAPA के तहत केस: आखिर 14 साल पुराने मामले में क्या लगा आरोप?

अरुंधति रॉय पर चलेगा UAPA के तहत केस: आखिर 14 साल पुराने मामले में क्या लगा आरोप?

Arundhati Roy ने जम्मू-कश्मीर को लेकर साल 2010 में क्या कहा था, जो उन पर यूएपीए का मामला दर्ज किया गया?

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>अरुंधति रॉय के खिलाफ यूएपीए मामला क्या है? </p></div>
i

अरुंधति रॉय के खिलाफ यूएपीए मामला क्या है?

(फोटो: अरुंधति रॉय/फेसबुक)

advertisement

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने लेखिका-कार्यकर्ता अरुंधति रॉय और कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) की धारा 45(1) के तहत 14 साल पुराने एक मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. यह फैसला सामाजिक कार्यकर्ता सुशील पंडित द्वारा 28 अक्टूबर, 2010 को की गई शिकायत के बाद 29 नवंबर, 2010 को दर्ज की गई एफआईआर से संबंधित है.

अरुंधति रॉय के खिलाफ क्यों लगा UAPA?

अरुंधति पर ये आरोप 21 अक्टूबर, 2010 को एलटीजी ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में आयोजित "आजादी - एकमात्र रास्ता" नामक सम्मेलन में दिए गए भाषणों के कारण लगे हैं. इस सम्मेलन में सैयद अली शाह गिलानी, एसएआर गिलानी (सम्मेलन के एंकर और संसद पर हमले के मामले में मुख्य आरोपी), अरुंधति रॉय, डॉ शेख शौकत हुसैन और वरवर राव जैसे वक्ता शामिल थे. चर्चाओं में कथित तौर पर "कश्मीर को भारत से अलग करने" की वकालत की गई.

फिलहाल सैयद अली शाह गिलानी और एसएआर गिलानी की मृत्यु हो चुकी है.

यह सम्मेलन कश्मीर में भारी अशांति के दौर के दौरान हुआ था, जब 17 वर्षीय तुफैल अहमद मट्टू नामक एक लड़के की आंसू गैस के गोले से मौत हो गई थी. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों के बाद 2010 में लगभग 120 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई.

सुशील पंडित की शिकायत के बाद 27 नवंबर, 2010 को नई दिल्ली में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के निर्देश पर एफआईआर दर्ज की गई .अपनी शिकायत में पंडित ने कहा था कि अरुंधति रॉय के भाषण सहित कई भाषणों ने "सार्वजनिक शांति और सुरक्षा को खतरे में डाला". उन्होंने आगे कहा कि वक्ताओं ने "कश्मीर को भारत से अलग करने" को बढ़ावा दिया.

किन धाराओं में दर्ज की गई एफआईआर?

258/2010 नंबर की एफआईआर में आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए (देशद्रोह), 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153 बी (राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक आरोप), 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए प्रेरित करने वाले बयान) के साथ-साथ यूएपीए की धारा 13 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
यूएपीए की धारा 13 किसी भी गैरकानूनी गतिविधि की वकालत करने, उसे बढ़ावा देने या भड़काने के लिए गैरकानूनी गतिविधियों के लिए सजा से संबंधित है और इसके लिए सात साल तक की कैद की सजा हो सकती है. यूएपीए राज्य को सामान्य आपराधिक कानून की तुलना में अधिक अधिकार भी देता है - राज्य के लिए चार्जशीट दाखिल करने की समयसीमा में ढील देने से लेकर जमानत के लिए सख्त शर्तें तक.

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, राज निवास के अधिकारी ने कहा, "दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरुंधति रॉय और डॉ. शेख शौकत हुसैन के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. पिछले साल अक्टूबर में उपराज्यपाल ने सीआरपीसी की धारा 196 के तहत आईपीसी की धारा 153ए, 153बी और 505 के तहत अपराधों के लिए उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी."

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इन सभी धाराओं में, जो हेट स्पीच के मामलों से निपटने के लिए अक्सर लागू किए जाते हैं, अधिकतम तीन वर्ष तक की सजा का प्रावधान है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT