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दिल्ली में एमसीडी चुनाव से पहले कूड़े को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. कूड़े के ढेर को लेकर सत्ताधारी आप और बीजेपी आमने-सामने है. गुरुवार, 27 अक्टूबर को दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता गाजीपुर में आमने-सामने आ गए और एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. सूबे के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 15 साल में बीजेपी ने दिल्ली को 3 कूड़े के पहाड़ दिए हैं, वहीं, बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पत्र लिखने के बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री ने न तो इस समस्या से निजात दिलाने के लिए मिलकर काम किया और न ही गाजीपुर का दौरा किया.
चलिए नजर डालते हैं दिल्ली में कूड़े को लेकर हो रही राजनीति पर 27 अक्टूबर को क्या-क्या हुआ?
दिल्ली में एमसीडी चुनाव होने से पहले हो रही राजनीति में अब सीएम केजरीवाल भी कूद पड़े हैं. केजरीवाल ने गुरुवार को गाजीपुर में लैंडफिल साइट का दौरा किया. सीएम केजरीवाल ने कहा...
केजरीवाल ने आगे कहा कि दिल्ली की हर गली में कूड़ा है, और इन्हें शर्म भी नहीं आती. इन्होंने मुझे यहां आने से रोका क्योंकि ये नहीं चाहते कि मैं गाजीपुर आकर ये देखूं.
केजरीवाल ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि अमित शाह ने मुझे गालियां दीं. और उन्होंने मुझ पर एमसीडी को फंड न देने का आरोप लगाया. पिछले 15 साल में एमसीडी ने 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, ये जनता का पैसा है. जवाबदेही कहां है? दिल्ली सरकार ने 1 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
सीएम केजरीवाल के गाजीपुर साइट पर पहुंचने के दौरान रास्ते में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए और जमकर नारेबाजी की. बाद में आप कार्यकर्ताओं ने पहुंच कर बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की.
पूर्वी दिल्ली से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा है कि नगर निगम के चुनाव आते ही केजरीवाल को कचरे के पहाड़ (गाजीपुर लैंडफिल) की याद आ गई जबकि इससे पहले बार-बार बुलाने के बाद भी केजरीवाल गाजीपुर लैंडफिल पर नहीं आए
गंभीर ने चुनावी मेंढक बता कर राजनीतिक हमला जारी रखते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का पूरा ध्यान चुनाव पर है, लोगों की दुर्दशा पर नहीं. इससे पहले उन्होंने लोगों की तकलीफ की कभी कोई सुध नहीं ली और अब जब नगर निगम चुनाव नजदीक हैं तो उन्हें कचरे के पहाड़ की याद आ गई है.
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