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CM केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली शराब मामले में चार्जशीट दायर, ED ने AAP को भी आरोपी बनाया

Delhi Excise Policy Case: केन्द्रीय एजेंसी कथित घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रही है.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>अरविंद केजरीवाल  </p></div>
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अरविंद केजरीवाल

(फोटोः क्विंट हिंदी)

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Delhi Excise Policy Case: दिल्ली के कथित शराब घोटाले मामले में अब आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपी बना दिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार, 17 मई को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AAP को औपचारिक रूप से आरोपी बनाते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर की.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार यह मामले में दायर आठवीं अभियोजन शिकायत यानी प्रॉसिक्यूशन कंपलेन्ट है. इससे पहले 10 मई को, ईडी ने सातवीं अभियोजन शिकायत दर्ज की थी और बीआरएस नेता के कविता और चार अन्य को आरोपी बनाया था.

सीएम केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. फिर मौजूदा लोकसभा चुनाव के दौरान AAP के लिए प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 जून तक अंतरिम जमानत दी गई. गिरफ्तारी से पहले केजरीवाल को ईडी ने कुल नौ समन जारी किए थे, जिन्हें उन्होंने नजरअंदाज कर दिया था.

के कविता को ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था. उनपर भी एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है. अबतक इस मामले में 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

क्या है यह मामला?

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने शराब नीति को बनाने और उसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. 2022 में सीबीआई ने मामला दर्ज किया. इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया.

यह आरोप लगाया गया है कि कुछ शराब विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के लिए 2021-22 की दिल्ली शराब नीति में खामियां पैदा करने के लिए सीएम केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और AAP नेताओं के साथ-साथ अन्य आरोपियों ने एक आपराधिक साजिश रची थी.

सीबीआई और ईडी के अनुसार, इस प्रक्रिया में दक्षिण भारत के कुछ व्यक्तियों/समूह को लाभ पहुंचाया गया और उनके मुनाफे का कुछ हिस्सा आम आदमी पार्टी को दिया गया, जिसने इसका इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए किया.

मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था. इस बीच, ईडी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की अलग से जांच कर रही है.

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