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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को सुनने के बाद अदालत ने फिलहाल दिल्ली सीएम को कोई राहत नहीं है.
केजरीवाल की याचिका में अंतरिम रिहाई को लेकर मांग की गई थी. याचिका में गिरफ्तारी को भी गलत बताया गया था. मामले की सुनवाई के बाद किसी भी तरह के तात्कालिक आदेश से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि हिरासत में पूछताछ के दौरान क्या ED को कोई अतिरिक्त जानकारी या सबूत मिले हैं. केजरीवाल की रिहाई पर कोई आदेश देते वक्त यह भी देखना जरूरी होगा.
इसके अलावा दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है और 2 अप्रैल तक जवाब मांगा है. इस मामले में अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी.
बता दें आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो को कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अब समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड संविधान की मूल संरचना पर 'प्रभाव' डालता है.
सिंघवी ने आगे कहा, "आपको मुझे गिरफ्तारी की आवश्यकता बतानी होगी."
ईडी ने अंतरिम राहत के लिए भी केजरीवाल की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है.
ईडी की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने कहा, "अगर वे जल्द सुनवाई चाहते थे तो हमें याचिका की कॉपी देना उनका कर्तव्य था. यदि वे वास्तविक निष्पक्ष सुनवाई चाहते थे तो वे हमें शनिवार को ही याचिका की एक प्रति भेज सकते थे, और हमें तैयारी करने का अवसर दे सकते थे. यदि अंतरिम राहत दी जाती है तो यह मुख्य याचिका में राहत देने के समान होगी, इसलिए मुझे तैयारी के लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी."
सिंघवी ने यह भी कहा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का मतलब उन्हें और आम आदमी पार्टी (आप) को "कमजोर" करना था.
केजरीवाल की याचिका, जिसमें गिरफ्तारी और उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय को रिमांड "अवैध" होने के कारण उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई है, न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने सुनवाई की.
इससे पहले, शुक्रवार (22 मार्च) को ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को "पूछताछ के लिए" 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया था.
हाईकोर्ट द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग केस में केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार करने के कुछ घंटों बाद प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था.
केजरीवाल ने पहले अपने खिलाफ जारी समन सहित सभी कार्यवाही को रद्द करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से बातचीत की है. उन्होंने कहा कि 28 मार्च को अरविंद केजरीवाल कोर्ट में खुलासा करेंगे कि आखिर क्या है शराब घोटाला और उससे जुड़े पैसे कहां है.
सुनीता केजरीवाल ने कहा कि ईडी ने बीते 2 साल में इस तथाकथित शराब घोटाले पर ढाई सौ से ज्यादा रेड मारी है. लेकिन उससे जुड़ा एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ है. ईडी ने मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन के साथ-साथ हमारे यहां भी रेड मारी, लेकिन पैसा मिला नहीं।
सुनीता केजरीवाल ने आगे बताया कि अरविंद केजरीवाल ने मुझे एक बात और कही कि ईडी ने बीते दो सालों में ढाई सौ से ज्यादा रेड मारी है और वह लोग इस शराब घोटाले का पैसा ढूंढ रहे हैं. सभी पर रेड मारी गई, लेकिन एक भी पैसा नहीं मिला। हमारे यहां भी रेड मारी गई उसमें 73,000 रुपए मिले हैं.
उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल 28 मार्च को कोर्ट में बताएंगे कि इस शराब घोटाले का पैसा कहां है और उसका खुलासा करेंगे, उसका सबूत भी देंगे.
यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की शराब नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था. इस मामले में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं.
जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल के नाम का कई बार जिक्र किया गया है. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आरोपी उत्पाद शुल्क नीति बनाने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ और बदले में उन्होंने आम आदमी पार्टी को रिश्वत दी.
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