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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की समाजवादी पार्टी (SP) नेता आजम खान से मिलने की योजना ने कांग्रेस और एसपी में हलचल मचा दी है. कांग्रेसी नेता इमरान प्रतापगढ़ी के बाद एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज आजम खान के परिवार से मिलने रामपुर पहुंचे.
लेकिन ऐसा माना जाता है की उत्तर प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले मुस्लिम समाज में आजम की पकड़ मजबूत है. देश के महत्वपूर्ण राज्य में करीब 21 प्रतिशत मुस्लिम वोट अक्सर निर्णायक साबित होता है. यही वजह है कि असदुद्दीन ओवैसी और आजम खान की प्रस्तावित मीटिंग की खबर ने मुस्लिम वोटों पर नजर रखने वाली कांग्रेस और एसपी के नेताओं में हलचल मचा दी है. याद रहे कि उत्तर प्रदेश में 2022 के शुरू में ही विधानसभा चुनाव होना है.
सियासत गलियारों में यह चर्चा आम हो चुकी है कि पिछले एक बरस से आजम खान जेल में बंद है और उसकी पार्टी (सपा) ने उनके लिए उस तरह आवाज नहीं जिस तरह उठाना चाहिए था. मुस्लिम समुदाय में भी यह चर्चा हैं कि अखिलेश यादव न सीएए के विरुद्ध प्रदर्शन में सड़क पर आये और न उन्होंने आजम खान को छुड़ाने की लड़ाई को शिद्दत से लड़ा है.
ऐसे में कहा जा रहा है कि आजम खान अपनी पार्टी से नाराज हैं. कांग्रेस इस नाराजगी का फायदा उठा कर आजम को अपने पाले में लाने की कवायद कर रही थी. इससे पहले कि कांग्रेस आजम से संपर्क करती या एसपी आजम को मनाते, असदुद्दीन ओवैसी ने इनके साथ अपनी मीटिंग की मंशा जाहिर कर दी.
एआईएमआईएम की मंशा देख दोनों पार्टियों को आजम खान के घर की तरफ दौड़ना पड़ा. कांग्रेस के नेता इमरान प्रतापगढ़ी और भोपाल से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद 20 जनवरी को आजम खान के समर्थन में रामपुर पहुंचे. जहां दोनों कांग्रेसी नेताओं ने जेल में बंद आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा से मुलाकात की और कहा कि योगी सरकार बदले की भावना से काम कर रही है.
कांग्रेस के नेताओं के बाद आज शुक्रवार की दोपहर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी आजम खान के परिवार से मिलने रामपुर पहुंचे. आजम खान के जेल में जाने के बाद पहली बार अखिलेश यादव खुलकर उनके समर्थन में सामने आये हैं.
अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी निशाना बनाया और कहा कि ठोकने और बुलडोजर चलाने वालों से शिक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा की आजम पर लगे सभी मुकदमे झूठे हैं. उन्होंने कहा कि आजम खान पार्टी के नेता हैं इसलिए सारी पार्टी उनके साथ है.
कांग्रेस नेताओं के तुरंत बाद अखिलेश की आजम खान के परिवार से मुलाकात से यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि आजम खान की नाराजगी की खबर एसपी के नेताओं को भी है. अगर एसपी से नाराज होकर आजम एआईएमआईएम या कांग्रेस में चले जाते हैं तो यह अखिलेश के लिए बढ़ा झटका होगा. इस वजह से अगर मुस्लिम वोट कटते हैं तो जाहिर है कि 2022 के चुनाव में एसपी को दिक्कत होगी.
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