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अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि अगर बाबरी मस्जिद अवैध थी, तो इसे ढहाने को लेकर लालकृष्ण आडवाणी पर मुकदमा क्यों चल रहा है और अगर यह वैध थी, तो आडवाणी को जमीन क्यों दी जा रही है?
हैदराबाद के सांसद ने इस बात पर हैरानी जताते हुए कहा कि जिस इंसान ने किसी का घर गिराया, उसे वही घर कैसे दिया जा सकता है.
मिलाद-उन-नबी की पूर्व संध्या पर शुक्रवार रात हैदराबाद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में खामियां बताईं और अपनी बात दोहराई कि "सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च है लेकिन अचूक नहीं."
ओवैसी ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध करने को लेकर उनकी आलोचना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह उनका संवैधानिक अधिकार है कि वह इसका विरोध करें. उन्होंने यह भी कहा कि किसी दूसरी जगह पर 5 एकड़ जमीन देने की बात मुस्लिमों का अपमान है.
ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि 80 साल की उम्र में भी राजीव धवन ने अदालत में एक साथ घंटों बहस की.
उन्होंने कहा, "राजीव धवन साहब का शुक्रिया अदा करने के लिए हमारे पास शब्द नहीं हैं. तथ्य यह है कि उन्होंने इस मामले को लिया और परीक्षा की इस घड़ी में लड़ना अपने आप में एक बड़ी बात है."
ओवैसी ने कहा कि कपिल सिब्बल ने भी मामले में अपना योगदान दिया, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उन्हें केस लड़ने से रोक दिया.
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