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राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बीजेपी (BJP) और कांग्रेस पार्टी में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधा. अशोक गहलोत ने रविवार 07 मई को कहा कि जिन विधायकों ने 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान अमित शाह से पैसा लिया था. उन्होंने उन कांग्रेस विधायकों से अमित शाह को पैसे लौटाने का अनुरोध किया था.
अशोक गहलोत ने अमित शाह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत पर तीन साल पहले उनकी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया. अशोक गहलोत ने यह भी दावा किया कि बीजेपी की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और दो अन्य बीजेपी नेताओं ने संकट के दौरान उनकी सरकार को बचाने में उनकी मदद की थी.
अशोक गहलोत ने 2020 में हुए घटनाक्रम के बारे में बात करते हुआ कहा कि,
अशोक गहलोत ने कहा कि, “मैंने यहां तक कहा हमारे विधायकों को, जिसने पैसा लिया है मान लो, दस करोड़ लिया है, बीस करोड़ लिया है, जो भी लिया है, खर्च कर दिया हो, वो खर्च किया हुआ पार्ट मैं दे दूंगा, एआईसीसी (AICC) से दिलवा दूंगा उनको, वापस दे दो अमित शाह को. दस करोड़ हैं तो वापस कर दो. पन्द्रह करोड़ हैं तो पन्द्रह करोड़ दे दो उसको. उसका पैसा मत राखो. उसका पैसा राखोगे, हमेशा अमित शाह आप पर दबाव बनेगा, वो गृहमंत्री भी हैं.
वो धमकायेगा, डराएगा, जैसे वो गुजरात में धमकाता डराता है, महाराष्ट्र में धमकाया, धमका-धमका शिवसेना के दो टुकड़े कर दिए, पचीस विधायक को ले गया, बहुत खतरानक खेल खेलते हैं अमित शाह."
राजस्थान के सीएम की टिप्पणी पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग पर अड़े रहने के एक दिन बाद आई है.
2020 का राजनीतिक संकट सचिन पायलट के गहलोत के खिलाफ बगावत करने और उनके वफादार 18 विधायकों के साथ एक महीने से ज्यादा समय तक हरियाणा और दिल्ली के मानेसर में डेरा डालने के बाद आया था.
जबकि अशोक गहलोत ने हमेशा कहा है कि बीजेपी ने तब उनकी सरकार को गिराने की कोशिश की थी और सुझाव दिया था कि विधायकों के लिए पैसा खर्च किया गया था, बीजेपी और बागी विधायकों ने हमेशा आरोपों से इनकार किया है.
इससे पहले, सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के आरोपों को "निराधार" करार दिया था. पिछले साल अशोक गहलोत ने पायलट को 'देशद्रोही' कहा था. सीएम की ताजा टिप्पणी इस मुद्दे पर उनका अब तक का सबसे तीखा हमला है.
गहलोत ने कहा कि जब वह 1990 के दशक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष थे, तब कुछ नेताओं ने तत्कालीन सीएम भैरों सिंह शेखावत की सरकार को गिराने की कोशिश की थी, जब शेखावत इलाज के लिए विदेश गए थे. गहलोत ने कहा कि उन्होंने इन शेखावत विरोधी नेताओं का पक्ष नहीं लिया.
अशोक गहलोत ने आगे बताया कि, “यही तो कैलाश मेघवाल और वसुंधरा जी ने कहा कि हमारे देश में धनबल से, चुनी हुई सरकारों को गिराने की ऐसी परंपरा नहीं रही है. उन्होंने क्या गलत कहा? शोभरानी जी ने उनकी बात सुनी, वसुंधरा जी और कैलाश मेघवाल जी की, और उनकी अंतरात्मा ने कहा कि मैं ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करना चाहती. इसलिए हमारी सरकार बची है.”
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