Home News India अशोक गहलोत: मारवाड़ के ‘गांधी’ को राजनीति की जादूगरी में महारत
अशोक गहलोत: मारवाड़ के ‘गांधी’ को राजनीति की जादूगरी में महारत
अशोक गहलोत के सियासी सफर पर एक नजर
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अशोक गहलोत को गुजरात और राजस्थान में कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने का श्रेय जाता है
(फोटोः IANS)
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साल 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव और फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को करारी हार मिली हो, लेकिन इसके बाद भी अशोक गहलोत ने राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत बनाए रखा.
राजस्थान में ‘राजनीति का जादूगर' माने जाने वाले गहलोत ने 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत के जादुई आंकड़े के करीब लाने में अहम भूमिका निभाई है और एक बार फिर उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर राजस्थान की कमान दे दी गई है.
‘मारवाड़ के गांधी’ हैं अशोक गहलोत
जानकारों का कहना है कि ‘मारवाड़ का गांधी' माने जाने वाले गहलोत को राजनीति में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी लेकर आई थीं. ऐसा कहा जाता है कि वह पूर्वोत्तर क्षेत्र में शरणार्थियों के बीच अच्छा काम कर रहे थे और इंदिरा उनके काम से काफी प्रभावित थीं.
गहलोत को ही जाता है गुजरात में कांग्रेस के दमदार प्रदर्शन का श्रेय
कुछ महीने पहले गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दमदार प्रदर्शन का श्रेय गहलोत को ही दिया जाता है. पिछले कुछ समय से कांग्रेस के महासचिव (संगठन) का पदभार संभाल रहे गहलोत को जमीनी नेता और अच्छा संगठनकर्ता माना जाता है.
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अशोक गहलोत के सियासी सफर पर एक नजरः
अशोक गहलोत मूल रूप से जोधपुर के रहने वाले हैं
उनका जन्म 3 मई 1951 को हुआ था
अशोक गहलोत (67) दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके हैं
पहली बार 1998 से 2003 तक और दूसरी बार 2008 से 2013 तक मुख्यमंत्री रहे
राजनीतिक जीवन की शुरूआत 1974 में एनएसयूआई के अध्यक्ष के रूप में की थी. वह 1979 तक इस पद पर रहे
साल 1979 से 1982 तक कांग्रेस पार्टी के जोधपुर जिला अध्यक्ष रहे
साल 1982 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने
इसी दौरान साल 1980 में गहलोत पहली बार सांसद बने
वह साल 1980 से 1999 तक पांच बार 7वीं, 8वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए
गहलोत 1999 से जोधपुर के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं
वह 11वीं, 12वीं,13वीं और 14वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं
पांच बार सांसद रह चुके गहलोत पांचवीं बार विधायक बने हैं
साल 1982-1983 तक पर्यटन उप-मंत्री और 1983-84 में नागरिक उड्डयन, 1984 में खेल उप-मंत्री, 1984-85 में पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री, 1991-93 तक वस्त्र राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पदभार संभाल चुके हैं
गहलोत 2004-2009 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव (दिल्ली और सेवादल प्रभारी), 2004 में कांग्रेस कार्य समिति और हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रभारी रह चुके हैं
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कई अहम पदों पर रह चुके गहलोत तीन बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं
कई देशों की यात्रा कर चुके गहलोत ने राजनीति के अलावा 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के दौरान पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी शरणार्थियों के शिविरों में काम किया और कई सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहे
गहलोत ने सुनीता गहलोत से विवाह किया. उनके एक पुत्र और एक पुत्री है.