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आसिफ लिंचिंग: चश्मदीद के बयान के बावजूद पुलिस ने 4 लोगों को छोड़ा

चश्मदीद राशिद ने चारों के अपराध में शामिल होने की साफ जानकारी दी है

ऐश्वर्या एस अय्यर
भारत
Published:
चश्मदीद राशिद ने चारों के अपराध में शामिल होने की साफ जानकारी दी है
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चश्मदीद राशिद ने चारों के अपराध में शामिल होने की साफ जानकारी दी है
(फोटो: Altered by Quint)

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आसिफ खान की लिंचिंग मामले में पिता, भाई और चश्मदीद राशिद के चार आरोपियों का नाम लेने के बाद भी हरियाणा पुलिस ने अपनी जांच में उन्हें निर्दोष पाया है. पुलिस ने स्थानीय कोर्ट में चारों को केस से अलग करने की याचिका दाखिल की थी. जिसके बाद 8 जून को इन चारों के घर वापस आने का रास्ता साफ हो गया.

आसिफ का परिवार हैरान है कि चारों को चार्जशीट दाखिल किए जाने से पहले ही क्लीन चिट दे दी गई है. घटना के चश्मदीद राशिद ने इस रिपोर्टर को उन चारों के अपराध में शामिल होने की साफ जानकारी दी है.  

ये चार लोग FIR में नामित 14 लोगों में से हैं. FIR आसिफ के पिता की शिकायत पर दर्ज हुई थी जबकि राशिद ने बैठकर पूरी घटना सुनाई थी. घटना के अगले दिन 17 मई को चारों गिरफ्तार हुए थे.

चारों लोग अब खलीलपुर खेड़ा गांव लौट चुके हैं. आसिफ इसी गांव का रहने वाला था. इनके लौटने के बाद से तनाव बढ़ गया है. आसिफ का परिवार राशिद और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है.

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कब हुई थी घटना?

आसिफ के घरवालों के मुताबिक आसिफ जो कि पेशे से बॉडी बिल्डर और जिम ट्रेनर भी था, वो 16 मई की रात सोहना से दवाई लेकर आ रहा था. उसकी गाड़ी का तीन कारों ने पीछा किया, जिसमें करीब 15 लोग बैठे हुए थे.

आसिफ के पिता जाकिर का कहना है कि उनका बेटा, उनके 2 भतीजों रासिद और वासिफ के साथ सोहना से लौट रहा था, तभी ये घटना घटी, उनका आरोप है कि आरोपियों ने साथ मिलकर उनके बेटे पर हमला बोल दिया और उसकी गाड़ी को चारों तरफ से हिट किया. 

आरोप है कि हमलावरों ने तीनों पर हमला किया, जिसमें आसिफ की मौत हो गई और राशिद की हालत गंभीर है, वहीं वासिफ की हालत पहले से बेहतर है. हमले में सही सलामत बचे वासिफ ने बताया कि हमले के बाद उनकी कार पलट गई थी. उन लोगों ने आसिफ को कार से बाहर निकाला और उसकी हत्या कर दी.

गांववालों का कहना है कि लड़कों के बीच तीन महीने पहले भी लड़ाई हुई थी. आसिफ के एक पड़ोसी मोहम्मद इलियास ने बताया कि तीन महीने पहले ही इन लोगों के बीच लड़ाई हुई थी, बाद में पुलिस ने आकर दोनों के बीच समझौता कराया था.

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