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माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की मौत को 10 दिन बीत चुके हैं. लेकिन आज भी, इस घटना की गूंज पूरे उत्तर प्रदेश में सुनाई दे रही है. 15 अप्रैल की रात करीब 10:30 बजे अतीक और अशरफ को काल्विन अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए लाया गया था. इसी दौरान, अचानक तीन शूटरों ने अंधाधुन फायरिंग कर दोनों की हत्या कर दी. इस बीच, क्विंट हिंदी की टीम प्रयागराज पहुंची और उन जगहों को दौरा किया जहां कभी अतीक का साम्राज्य हुआ करता था और हमने जानने की कोशिश की कि आज वहां क्या स्थिति है.
24 फरवरी 2023 को बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह रहे उमेश पाल की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसमें उनकी सुरक्षा में तैनात दो सरकारी सुरक्षा कर्मी की भी मौत हुई थी. इस घटना में माफिया अतीक अहमद को मुख्य आरोपी बनाया गया था. इसके बाद, यूपी की योगी सरकार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए अतीक के 7 से 8 करीबियों के ठिकानों को जमींदोज कर दिया था.
इतना हीं नहीं, यूपी पुलिस के एनकाउंटर में अतीक के बेटे असद समेत करीब 4 लोगों की मौत भी हो चुकी है. इसके बाद, 15 अप्रैल को अतीक और अशरफ की भी पुलिस कस्टडी के दौरान हत्या कर दी गयी. हालांकि, घटना के बाद अभी भी बहुत कम लोग ही उस इलाके में बाहर निकल रहे हैं, जहां अतीक रहता है. पुलिस और अर्धसैनिक बल की टोली अभी भी इलाके में तैनात है.
इस मामले में PUSL कार्यकर्ता सीमा आजाद ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा, "रिमांड के दौरान दिन में मेडिकल के लिये ले जाया जाता है. लेकिन अतीक-अशरफ को पुलिस रात में ले गयी. अशद के एनकाउंटर के बाद कहा गया कि वो भागने की कोशिश कर रहा था, पर यहां हमने उनकी मजबूरी देखी कि शूटर्स एकदम पास में आकर गोलियां बरसा रहे थे. लेकिन पुलिस ने एक भी फायरिंग नहीं की. इस घटना ने हमें पुलिस के दो स्वरूप को दिखाया. इसलिए ये संदेह उठता है कि ये सरकार की ही कोई साजिश है, उसको मरवाने की.'
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