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पिछले दिनों कैमरे के सामने हुई वारदात में मारे गए पूर्व सांसद अतीक अहमद (Atiq Ahmed) के दो नाबालिग बेटों को बिना किसी गलती के किशोर आश्रय गृह में रखे हुए तीन महीने से अधिक हो गए हैं. पिता अतीक, चाचा अशरफ, बड़े भाई असद की मौत के सदमे से उबरने में मदद के लिए अब दोनों बेटों की एक्सपर्ट द्वारा काउंसलिंग की जा रही है. 15 और 17 साल की उम्र के दो नाबालिगों को सुरक्षा कारणों से अन्य बच्चों से अलग रखा गया है.
अधिकारियों ने कहा कि काउंसलिंग उनके व्यवहार को बदलने में मदद कर रही है ताकि वे अपने परिवार के अन्य सदस्यों के नक्शेकदम पर न चलें, जो अपराधों में शामिल थे.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक दोनों लड़के 2 मार्च को चकिया इलाके में घूमते पाए गए थे, इसके बाद उन्हें आश्रय गृह में भर्ती कराया गया था. वे प्रयागराज के एक माने-जाने अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ रहे थे. धूमनगंज पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद लड़के इस साल अपनी परीक्षा में भी शामिल नहीं हो पाए.
पुलिस द्वारा 24 फरवरी को वकील उमेश पाल और उनके दो पुलिस गाडरें की हत्या में शामिल हमलावरों की तलाश में छापेमारी शुरू करने के बाद, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के वकीलों ने कोर्ट में एक आवेदन दायर कर पुलिस से उसके दो नाबालिग बेटों के ठिकाने का खुलासा करने को कहा था.
हालांकि, शाइस्ता के वकीलों ने फिर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि दो नाबालिग लड़के इस आश्रय गृह में नहीं हैं. 24 मार्च को धूमनगंज पुलिस ने अदालत के सामने स्वीकार किया कि अतीक के दो नाबालिग बेटे दूसरे बाल आश्रय गृह में हैं.
अतीक अहमद और अशरफ की 15 अप्रैल की रात पुलिस हिरासत में रहते हुए कैमरे के सामने हत्या कर दी गई थी. इससे पहले अतीक का तीसरा बड़ा बेटा असद 13 अप्रैल को झांसी के पास एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया था.
शाइस्ता परवीन पर 50 हजार रुपये का नकद इनाम रखा गया है और वो फरार हैं. दो नाबालिग लड़कों को देखने वाला कोई नहीं है. इसके अलावा, अतीक के दो बड़े बेटे अली और उमर भी अलग-अलग मामलों में लखनऊ और नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं.
प्रयागराज जिला प्रोबेशनरी अधिकारी पंकज मिश्रा ने कहा कि बाल आश्रय में अन्य बच्चों के साथ अतीक के दो नाबालिग बेटों की विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग की जा रही है., उनके व्यवहार में बदलाव देखा गया है.
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