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लंबे समय से चले आ रहे अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने 9 नवंबर को भूमि विवाद पर फैसला सुनाते हुए जमीन हिंदू पक्ष को देने का आदेश दिया है. साथ ही मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही किसी महत्वपूर्ण जगह पर मस्जिद के लिए 5 एकड़ भूमि देने का फैसला किया.
इस ऐतिहासिक फैसले पर क्विंट हिंदी ने फिल्ममेकर्स से लेकर राजनेताओं से बात की.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसर, दानिश इकबाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया, जो कोई भी समझदार मुसलमान को करना चाहिए था.
दानिश इकबाल ने कहा कि पिछले काफी समय से इस मुद्दे का इस्तेमाल मुल्क को बांटने के लिए किया जा रहा था. आज वो इस्तेमाल खत्म हो गया है.
लेखक और राजनीतिक विशेषज्ञ नीलांजन मुखोपाध्याय ने अयोध्या जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, 'ये विरोधाभासी है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले कई सालों से मुस्लिम पक्ष के कई तर्कों को स्वीकार किया, लेकिन आखिरी फैसले में उन्होंने उन्हें विवादित भूमि का कोई हिस्सा नहीं दिया. अयोध्या केस पर फैसला देश के अल्पसंख्यकों को गलत मैसेज देगा. इस फैसले से हिंदुओं में एक बार फिर से जीत का एहसास जाएगा.'
फिल्ममेकर दानिश हुसैन ने इस मौके पर देश में शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘आज अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. इस वक्त मुल्क के जो हालात हैं, मैं यही कहूंगा कि इंसाफ से ज्यादा अमन जरूरी है. मैं अपने मुस्लिम भाइयों से यही कहूंगा कि हमें आगे बढ़ जाना चाहिए और अपने देश में अमन-शांति का माहौल बनाना चाहिए.’
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का शुरू से ये मानना था कि कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, उसका आदर किया जाना चाहिए, वो सर्वमान्य होगा.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का लगभग सभी राजनीतिक दल के नेताओं ने सम्मान किया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
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