Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मुहूर्त देखकर 2020 से शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण: RSS सूत्र

मुहूर्त देखकर 2020 से शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण: RSS सूत्र

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ट्रस्ट के जरिए अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना है.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
फोटो: PTI
i
null
फोटो: PTI

advertisement

अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ जमीन पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला देने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सूत्रों का कहना है कि अगले साल से राम मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा. इसके लिए शुभ घड़ी (मुहूर्त) देखी जाएगी.

न्‍यूज एजेंसी IANS ने आरएसएस के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस समय जिस जगह चबूतरे पर रामलला विराजमान हैं, वहीं बनने जा रहे मंदिर का गर्भगृह होगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक ट्रस्ट के जरिए अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना है.

सूत्र बता रहे हैं कि जिस तरह से 1951 में गुजरात में बकायदा धार्मिक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाकर सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया गया था, उसी तरह से राम मंदिर बनाने के लिए भी ट्रस्ट गठित होगा. इस ट्रस्ट में सरकारी प्रतिनिधि और राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे संघ परिवार के संगठनों के लोग शामिल हो सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन महीने के भीतर ट्रस्ट गठित करने को कहा है. अब इस ट्रस्ट में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर सभी की निगाहें टिकीं हैं. इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व दी जाएगी, जिसकी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इससे पहले शनिवार को आए फैसले पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था, ''कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है, अब सरकार अपना काम करेगी. इस फैसले को जय-पराजय की नजरों से नहीं देखा जाना चाहिए. अतीत की सभी बातों को भूलकर, हमें मिल-जुलकर राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के लिए अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए.''

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद पर शनिवार को फैसला देते हुए विवादित 2.77 एकड़ जमीन को हिंदू पक्ष को देने का फैसला किया. साथ ही कोर्ट ने मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष के लिए 5 एकड़ जमीन दूसरी जगह पर देने का आदेश दिया.

फैसला देने वाली 5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला दिया और माना है कि विवादित स्थल के बाहरी बरामदे में हिंदू व्यापक रूप से पूजा-अर्चना करते रहे हैं.

(IANS इनपुट के साथ)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 10 Nov 2019,10:52 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT