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बाबरी की बरसी आज: 20 प्वाइंटर में जानें इस मामले का कानूनी इतिहास

जानें कैसे अयोध्या से शुरू हुआ बाबरी विवाद का केस पूरे भारत पर छा गया

क्विंट हिंदी
भारत
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अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई 
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अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई 
(फोटो:क्विंट)

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आज से ठीक 29 साल पहले 6 दिसंबर, 1992 बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) गिराई गई थी. इस घटना का भारत की राजनीति पर अगले कुछ सालों में बहुत प्रभाव पड़ा. लेकिन इस साल 30 सिंतबर को विध्वंस कांड में विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी भी कर दिया.

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती समेत कुल 32 लोग आरोपी थे.

यहां जानते हैं पूरे बाबरी प्रकरण की 1528 से लेकर 2020 तक की कहानी

  • 1528-मुगल बादशाह बाबर ने बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया

  • 1949-मस्जिद के अंदर भगवान राम की मूर्ति ‘प्रकट’ हई

  • 1984- विश्व हिंदू परिषद के उदय के साथ ही मंदिर निर्माण अभियान में तेजी

  • 1986- हिंदुओं को अंदर जाकर मूर्ति की सामने से पूजा करने की अनुमति

  • 1989- प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने वीएचपी को शिलान्यास की अनुमति दी

  • 1990- यूपी की जनता दल सरकार ने बाबरी मस्जिद गिराने की पहली कोशिश नाकाम की

  • 1992-बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने गिराया

    -मामले में 2 FIR दर्ज

    -FIR 197 मस्जिद गिराने के लिए कारसेवकों के खिलाफ

    -FIR 198 भड़काने के लिए एलके आडवाणी, एमएम जोशी, उमा भारती के खिलाफ

    -विध्वंस की जांच की जिम्मेदारी लिब्राहन आयोग को दी गई

  • 1993 : यूपी के ललितपुर जिले में सुनवाई

    -कारसेवकों के खिलाफ एफआईआर 197 को लखनऊ ट्रांसफर किया गया

    -बीजेपी, आरएसएस, वीएचपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर 198 को रायबरेली ट्रांसफर किया गया

  • 1993 : सीबीआई ने FIR 197 और 198 के लिए एक साथ आरोप पत्र दाखिल किए

  • 1993: यूपी सरकार ने FIR 197 और 198 की सुनवाई साथ किए जाने की अधिसूचना जारी की

  • 1996: लखनऊ कोर्ट ने सभी मामलों में आपराधिक साजिश का आरोप जोड़ा

  • 2001: सरकारी चूक का हवाला देकर एलके आडवाणी, उमा भारती, अन्य ने कोर्ट के आदेश को चुनौती दी

    -यूपी सरकार ने चूक ठीक करने की सीबीआई की याचिका को रद्द किया

    -आरोपी केस जीत गए जिसके नतीजे के रूप में आपराधिक षड्यंत्र के आरोप हटाए गए

    -मामले की फिर से अलग से रायबरेली में सुनवाई

  • 2003: रायबरेली कोर्ट में सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया

    -जज ने कहा आडवाणी के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं, आरोपों से बरी किया

  • 2005: इलाहाबाद हाइकोर्ट का दखल, बिना आपराधिक साजिश के आरोप के मामले की सुनवाई फिर शुरू

  • 2010: इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 2001 के आदेश को बरकरार रखा

    -आपराधिक साजिश के आरोप हटाए गए

    -रायबरेली में मामले की अलग से सुनवाई

  • 2012: इलाहाबाद कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंची

  • 2015: सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को नोटिस जारी किए

  • 2017: सुप्रीम कोर्ट का इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आदेश

    -आपराधिक साजिश की धारा फिर जोड़ी गई

    -सभी मामलों की एक साथ लखनऊ कोर्ट में सुनवाई

  • 2020: सुनवाई की डेडलाइन 31 अगस्त, 2020

  • 2020: 30 सितंबर को विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी किया.

  • 2020: 6 दिसंबर को बाबरी विध्वंस की 28वीं बरसी

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Published: 06 Dec 2020,08:29 AM IST

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