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जादवपुर यूनिवर्सिटी का विवाद अभी थमा भी नहीं था कि बाबुल सुप्रियो से एक नया विवाद जुड़ गया है. इंग्लिश न्यूज पेपर ‘द टेलीग्राफ’ के संपादक ने केंद्रीय मंत्री पर धमकाने की कोशिश का आरोप लगाया है.
सुप्रियो ने न्यूजपेपर के एडिटर राजगोपाल को फोन कर जादवपुर यूनिवर्सिटी में हुई घटना की रिपोर्टिंग पर माफी मांगने को कहा था. सुप्रियो न्यूजपेपर की रिपोर्टिंग से खुश नहीं थे.
सुप्रियो के मुताबिक, 'न्यूजपेपर ने रिपोर्ट किया कि उन्होंने एक छात्र को कुहनी मारी. जबकि मुझसे वहां पर धक्का-मुक्की की गई.'
सुप्रियो ने ट्वीट में न्यूजपेपर पर मुकदमा करने की धमकी दी थी. उन्होंने टेलीग्राफ को माफी मांगने के लिए एक दिन का वक्त दिया था.
न्यूजपेपर में पब्लिश आर्टिकल के मुताबिक, जब सुप्रियो ने फोन किया तो राजगोपाल ने कहा कि न्यूजपेपर ने ऐसी कोई खबर नहीं छापी है. राजगोपाल ने इसलिए माफी मांगने से भी इंकार कर दिया. उन्होंने सुप्रियो से लीगल नोटिस भेजने को भी कहा.
एडिटर अपने स्टैंड पर दृढ़ रहे और माफी मांगने से इंकार कर दिया. तब सुप्रियो ने राजगोपाल से कहा कि ''वे एक केंद्रीय मंत्री से बात कर रहे हैं.'' साथ ही सुप्रियो ने कहा कि क्या आप एक जेंटलमैन नहीं हैं. जिस पर संपादक ने कहा- ''मैं जेंटलमैन नहीं हूं, मैं एक पत्रकार हैं.... आप एक केंद्रीय मंत्री हो सकते हैं. लेकिन मैं भी तो इस देश का नागरिक हूं.
सुप्रियो ने फिर आगे बढ़ते हुए न्यूजपेपर की हेडलाइन पर सवाल उठाए. न्यूजपेपर ने जादवपुर यूनिवर्सिटी की घटना के अगले दिन हेडलाइन में लिखा था- "Babull at JU”.
सुप्रियो ने इस दौरान कहा कि बातचीत को रिकॉर्ड किया जा रहा है. जिस पर संपादक ने उन्हें इसे अपलोड करने के लिए कहा.
सुप्रियो ने बातचीत के बाद एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने उल्टे संपादक पर अपशब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
रोहन वेंकट ने लिखा- टेलीग्राफ ने यह रिपोर्ट छापी क्योंकि यह दो लोगों के बीच शब्दों के आदान-प्रदान से आगे की बात है. कॉल से पता चलता है कि कैसे एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि न्यूजपेपर को मोड़ने के लिए डर पैदा करने वाली तरकीबें अपनाता है.
मिलिंद खांडेकर ने भी टेलीग्राफ की रिपोर्ट को शेयर किया.
हरीश मुरली ने भी रिपोर्ट की तारीफ की. साथ ही परांजॉय गुहा ठाकुरता और रशीद किदवई ने भी रिपोर्ट ट्वीट करते हुए निंदा की.
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को गुरुवार को जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने घेर लिया था. साथ ही छात्रों ने काले झंडे भी दिखाए. बाबुल सुप्रियो को जादवपुर यूनिवर्सिटी में एबीवीपी के छात्रों ने एक सेमिनार में बोलने के लिए बुलाया था. छात्रों ने सुप्रियो को करीब डेढ़ घंटे तक कैंपस में घुसने से रोके रखा.
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