Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019ऐसे वक्त के लिए इस्लाम में भी सोशल डिस्टेंसिंग की नसीहत: बदरूद्दीन

ऐसे वक्त के लिए इस्लाम में भी सोशल डिस्टेंसिंग की नसीहत: बदरूद्दीन

अजमल ने रमजान के महीने में मस्जिद की बजाय घर पर ही नमाज पढ़ने की अपील की

आदित्य मेनन
भारत
Published:
अजमल ने रमजान के महीने में मस्जिद की बजाय घर पर ही नमाज पढ़ने की अपील की
i
अजमल ने रमजान के महीने में मस्जिद की बजाय घर पर ही नमाज पढ़ने की अपील की
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

असम से सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल ने कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के दौरान मुस्लिमों पर हुए हमले की निंदा की है. क्विंट से बातचीत में बदरुद्दीन अजमल ने न्यूज चैनलों की रिपोर्टिंग पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने मुस्लिम समुदाय से रमजान के महीने में मस्जिद की बजाय घर पर ही नमाज पढ़ने की अपील की.

पिछले कुछ हफ्तों में देश के अलग-अलग हिस्सों में मुस्लिमों पर कई हमले हुए हैं. क्या आपके मुताबिक COVID-19 के नाम पर मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है?

ये बड़े अफसोस की बात है. COVID-19 ऐसी बीमारी है जो पूरी दुनिया में छाई हुई है, लेकिन इस दौरान भी कई संगठन ऐसे हैं, जिसके खिलाफ महाराष्ट् के मुख्यमंत्री और जमियत उलेमा-ए-हिंद ने केस किया, और भी सुना है कि लोग केस करने की तैयारी कर रहे हैं. जर्नलिस्ट के तौर पर इन लोगों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई.

मुझे ये देखकर अफसोस होता है कि वो मुस्लिमों के प्रति इतने जोश में बोलते हैं कि ऐसा लगता है कि हार्ट अटैक हो जाएगा.

सरकार और मीडिया का काफी फोकस तबलीगी जमात के एक इवेंट पर है. असम में भी, कई केस इससे जुड़े हैं. आपकी राय में, क्या तबलीगी जमात से कुछ गलतियां हुई हैं?

कुछ न कुछ गलतियां तो हमें भी माननी पड़ेंगी. हम सिर्फ दूसरों को दोष नहीं दे सकते.

“जमात में जाने वाले लोग जाहिल नहीं हैं. एक से एक पढ़े लिखे लोग हैं. डॉक्टर, मास्टर डिग्री, साइंटिस्ट जैसे लोग जमात में जाते हैं, उन लोगों ने भी इस मामले की नजाकत को नहीं समझा, ये अफसोस की बात है. ये गलती हमारी है.”
बदरुद्दीन अजमल
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आप असम से सांसद हैं. COVID-19 को लेकर राज्य का कैसा रिस्पॉन्स रहा है?

मेरे दोस्त, बीजेपी के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा दिन-रात काम कर रहे हैं. कमाल कर दिया है. वो इतनी मेहनत कर रहे हैं, और आप लोगों के माध्यम से मैं उन्हें मुबारकबाद देना चाहता हूं. अगर ऐसे ही लोग हर जगह स्वास्थ्य मंत्री होंगे, तो हम एक साल की बजाय तीन महीने में ही इससे निपट लेंगे.

रमजान का महीना आने वाला है. सऊदी अरब ने मस्जिदों में तरावीह की नमाज रद्द करने का फैसला किया है. क्या भारत में भी इस तरह के कदम उठाए जाने चाहिए?

हमारा इस्लाम ये कहता है कि जब भी इस तरह के हालात हों, तो एक-दूसरे से बराबर दूरी बना के रखें, एक जगह पर भीड़ मत करो, जो जहां है वो वहीं रहे, बाहर मत निकलो, जो अंदर फंसे हुए हैं, वो बाहर न आएं. हमें तो शुक्रिया अदा करना चाहिए कि हमारे पैगंबर ने 1400 साल पहले जो कहा था, आज डॉक्टर्स-साइंटिस्ट वही कह रहे हैं.

हम घर पर नमाज अदा करेंगे और अल्लाह हमें इसके लिए आशीर्वाद देगा. हम मुफ्ती से पूछेंगे और जिस तरह से वो हमें सलाह देते हैं, वैसे हम नमाज पढ़ेंगे. मस्जिद जाने की जहमत न उठाएं. ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश को बचाएं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT