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बलिया पेपर लीक केस: तीनों पत्रकारों को जमानत, गंभीर धाराएं भी हटी

तीनों पत्रकारों की जमानत जिला जज के यहां से हुई

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>पेपर लीक की खबर छापने की सजा- प्रशासन ने ही लिख दी पत्रकारों की तबाही की पटकथा</p></div>
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पेपर लीक की खबर छापने की सजा- प्रशासन ने ही लिख दी पत्रकारों की तबाही की पटकथा

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बलिया(Baliya) पेपर लीक मामले में तीन पत्रकारों को जमानत मिल गई है. पुलिस ने जांच के बाद तीनों पत्रकारों से गंभीर धाराएं हटा दी हैं. पत्रकारों पर से 420,467,471 जैसी धाराएं हटा ली गई है, लेकिन परिक्षा अधिनियम और IT एक्ट धारा अभी हटना बाकी है. तीनों पत्रकारों की जमानत जिला जज के यहां से हुई. तीनों पत्रकार 25 दिन से जेल में बंद थे.

पेपर लीक मामले में गिरफ्तार वरिष्ठ पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता की रिहाई की मांग को लेकर बीते कई दिनों से आंदोलन चल रहा था.

क्या था पूरा मामला

आपको बता दें, यूपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने के बाद तीनों पत्रकारों को गिरफ्तार किया था. पत्रकार लगातार इसका विरोध कर रहे थे. कोर्ट की प्रक्रिया चली. पत्रकार सौरभ ने बताया था कि अखबार में पेपर लीक की खबर छपने के बाद सरकार ने अपनी नाकामी को छुपाने के लिए पत्रकारों पर फर्जी तरीके से मुकदमे दर्ज किए. उनको कार्यालय से जबरदस्ती गिरफ्तार किया और बाद में एक-एक करके उन पर संगीन धाराएं बढ़ाई गई"

बलिया में अमर उजाला के लिए काम करने वाले पत्रकार अजीत ओझा एक वीडियो में बताया था

“पेपर लीक की खबर 30 मार्च को छपने के बाद, हम ऑफिस में बैठे थे, उन्हें डीएम ने फोन कर अंग्रेजी का लीक पेपर व्हाट्सएप पर मांगा. जिसे उन्होंने भेज दिया, इसके कुछ देर बाद उन्हें ऑफिस से पुलिस थाने ले गई."
अजीत ओझा

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