Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019CAA-NRC भारत का आंतरिक मामला लेकिन इसकी जरूरत नहीं थी: शेख हसीना

CAA-NRC भारत का आंतरिक मामला लेकिन इसकी जरूरत नहीं थी: शेख हसीना

शेख हसीना ने कहा भारत से यहां कोई नहीं आया है. लेकिन वहां लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और पीएम नरेंद्र मोदी 
i
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और पीएम नरेंद्र मोदी 
(फोटो: @narendramodi/ट्विटर)

advertisement

भारत में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना कहा है कि यह पड़ोसी देश का मामला है. हालांकि, उन्होंने कहा मुझे ये नहीं समझ में आ रहा है कि भारत में इस कानून की क्या जरूरत थी. शेख हसीना ने गल्फ न्यूज के एक इंटरव्यू में ये बात कही.

बांग्लादेश ने हमेशा कहा है कि सीएए और एनआरसी भारत के आंतरिक मामले हैं, और भारत भी ये बार-बार कहता रहा है. अक्टूबर 2019 में जब मैं नई दिल्ली की यात्रा पर थी तब पीएम नरेंद्र मोदी ने यही बात दोहराई थी.
शेख हसीना, प्रधानमंत्री बांग्लादेश  

बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने जताई थी चिंता

पिछले हफ्ते बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन ने कहा कि सीएए और एनआरसी भारत के आंतरिक मुद्दे हैं, लेकिन इसके बाद यह चिंता व्यक्त की गई कि भारत में किसी भी अनिश्चितता से उसके पड़ोसियों पर असर पड़ने की संभावना है. वहीं, अब बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने साफ इनकार किया है कि देश में धार्मिक उत्पीड़न के चलते अल्पसंख्यक समुदाय का पलायन भारत में हुआ है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

'भारत से कोई बांग्लादेश नहीं आया'

शेख हसीना ने कहा भारत से यहां कोई नहीं आया है. लेकिन वहां लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं. बांग्लादेश में 161 मिलियन आबादी है और यहां 10 प्रतिशत हिंदू हैं और 0.6 प्रतिशत बौद्ध हैं. लेकिन यहां किसी तरह का पलायन नहीं हुआ है और न ही भारत से यहां कोई आया है.

बता दें, 24 मार्च, 1971 या उससे पहले असम में रहने वाले वास्तविक भारतीय नागरिकों की पहचान करने और राज्य में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान करने के लिए एनआरसी को तैयार किया गया है. 30 अगस्त को प्रकाशित हुए डाटा के मुताबिक 3.3 करोड़ आवेदकों में से, 19 लाख से अधिक लोगों को अंतिम एनआरसी से बाहर रखा गया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT