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पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों के साथ मारपीट के बाद शुरू हुई हड़ताल अब मरीजों के लिए आफत बन रही है. इस हड़ताल की आग अब देशभर में फैलती जा रही है. बंगाल से लेकर दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, राजस्थान, कर्नाटक में हड़ताल की वजह से लाखों मरीजों का हाल बेहाल हैं.
देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों ने ओपीडी, रूटीन सर्जरी और नए रजिस्ट्रेशन बंद कर दी है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज पांचवा दिन है. सीएम ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने गुरुवार दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने का अल्टिमेटम दिया था, जिसे डॉक्टरों ने नहीं माना.
बता दें कि एम्स के साथ साथ दिल्ली में सफदरजंग, मौलामा आजाद मेडिकल कॉलेज, सर गंगा रामऔर कई बड़े अस्पतालों के डॉक्टरों ने विरोध जताते हुए ओपीडी और रूटीन सर्जरी के मामलों को न देखने का फैसला किया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए एक मरीज ने बताया कि वो बिहार के भागलपुर से आए हैं. उन्होंने कहा, “2 बार इमर्जेंसी में गए, लेकिन दवा तक नहीं दी. कहा, जाओ....', 'उन्हें कैंसर है.. लास्ट स्टेज पर है... इमर्जेंसी में यह जवाब देते हैं कि हमने ठेका नहीं लिया है. इसका जवाब कौन देगा.”
हालांकि कुछ जगहों पर डॉक्टर काम पर जरूर हैं लेकिन विरोध जताने के लिए वो काली पट्टी और सर में पट्टी लगाकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन के डॉक्टर्स हेलमेट पहनकर लोगों का इलाज कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा को लेकर महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने आज हड़ताल का ऐलान किया है. आधिकारिक बयान में कहा गया है, "हम आज सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक अपनी ओपीडी, वार्ड और शैक्षणिक सेवाओं को बंद कर रहे हैं. आपातकालीन सेवाओं में बाधा नहीं आएगी." नागपुर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में 'सेव द सेवियर' और 'स्टैंड विद एनआरएसएमसीएच' पोस्टर्स के साथ डॉक्टर अपना विरोध जता रहे हैं.
बता दें कि 10 जून को कोलकाता के नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान 75 साल की उम्र के एक शख्स की मौत हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वाले के परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं. इसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि जब तक परिजन माफी नहीं मांगते, वे प्रमाण पत्र नहीं देंगे. इन सबके बीच हिंसा भड़क गई, जिसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि कई और को भी चोटें आईं.
इस हिंसा के बाद से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पड़ चले गए हैं. इन्हीं डॉक्टरों के समर्थन में देशभर के डॉक्टर सड़कों से लेकर अस्पताल में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन इनका ये विरोध लाखों मरीजों की जिंदगी के लिए आफत बन रहा है.
पश्चिम बंगाल में चल रही डॉक्टरों की हड़ताल के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को कहा है कि वह तुरंत हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से बातचीत करे और मामले को सुलझाए.
हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार से पूछा है कि उन्होंने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने अब अगले शुक्रवार की तारीख तय की है. अब देखना है कि क्या ममता बनर्जी हड़ताल कर रहे डॉक्टरों को मना पाती हैं?
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