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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कई जिलों में विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को 4 घंटे के भीतर काम पर लौटने का निर्देश दिया है. ममता का आरोप है कि डॉक्टरों की हड़ताल के पीछे बीजेपी और सीपीएम की साजिश है.
ममता ने चेतावनी दी है कि अगर डॉक्टरों ने उनकी बात नहीं मानी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. इससे पहले कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंचीं ममता बनर्जी के सामने दो डॉक्टरों ने नारेबाजी की.
10 जून की रात एक 77 साल के बुजुर्ग मोहम्मद शाहिद की इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद उनके परिवारवालों ने दो जूनियर डॉक्टरों पर हमला कर दिया था. इसके बाद हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के करते हुए अस्पताल के सभी जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए. एआरएस अस्पताल में हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के समर्थन में 12 जून को राज्य के सभी अस्पतालों की ओपीडी का कामकाज बंद कर दिया गया. इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद हालात का जायजा लेने कोलकाता के सरकारी अस्पताल एसएसकेएम पहुंचीं. यहां उन्हें भी विरोध का सामना करना पड़ा. प्रदर्शन कर रहे दो जूनियर डॉक्टरों ने उनके सामने ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाए. इसके बाद नाराज सीएम ने प्रदर्शन कर रहे राज्य के सभी डॉक्टरों को 4 घंटे के भीतर काम पर लौटने का निर्देश दिया है. ममता ने हड़ताल के पीछे बीजेपी और लेफ्ट पर साजिश का भी आरोप लगाया.
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने 12 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर हड़ताल के मामले में दखल देने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि पश्चिम बंगाल में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
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