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पश्चिम बंगाल में स्कूली नौकरियों में कथित घोटाले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को 35 नए बिचौलियों-कम-कलेक्शन एजेंट की जानकारी मिली है. इस मामले में मोटी रकम के बदले स्कूल में नौकरी पाने के लगभग 2,300 व्यक्तियों से सीबीआई अधिकारियों ने पूछताछ की थी. इसी जांच के दौरान 35 कलेक्शन एजेंट के नाम सामने आए जो बड़े अधिकारियों और उम्मीदवार के लिए बिचौलियों का काम करते थे.
स्कूली नौकरियों में करोड़ों रुपये के कथित घोटाले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है. जांच के दौरान लगभग 2,300 व्यक्तियों से पूछताछ की गई है. सूत्रों के मुताबिक इसी पूछताछ के दौरान 35 बिचौलियों-कम-कलेक्शन एजेंटों के नाम सामने आए, जिन्होंने उम्मीदवार और राज्य शिक्षा विभाग से जुड़े विभिन्न संगठनों के शीर्ष अधिकारियों के बीच संपर्क बनाने का काम किया.
लोगों से पैसे लेने के बाद उन्हें नौकरी मिल जाए इस बात का ध्यान इन बिचौलियों द्वारा रखा जाता था. सीबीआई अधिकारियों ने जांच के दौरान पाया कि इन बिचौलियों की राजनीतिक गलियारों में जान पहचान बेहतर है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी स्कूल नौकरी मामले में समानांतर जांच कर रहा है. ईडी ने हाल ही में 222 शिक्षकों को चिन्हित किया था. इनमें से अधिकांश की नियुक्ति के लिए एसपी सिन्हा ने सिफारिश की थी, जो उस समय पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख थे. 222 शिक्षकों में से 183 माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक थे और 38 उच्च माध्यमिक शिक्षक थे.
बता दें, पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहने के दौरान आयोग द्वारा स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया था. स्कूल नौकरी मामले में कथित संबंध होने के कारण वह फिलहाल सलाखों के पीछे हैं.
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