सीबीआई ने मुंबई की एक विशेष अदालत को बताया है कि 12 साल पहले शीना बोरा (Sheera Bora) की हत्या के बाद रायगढ़ पुलिस ने उसकी हड्डियां और अन्य अवशेष बरामद किए थे. अब ये हड्डियां और अवशेष गायब हैं और उनका पता नहीं चल पा रहा है.
यह खुलासा मामले की गवाह, सर जे. जे. अस्पताल में फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. जेबा खान से पूछताछ के दौरान हुआ. उन्होंने सबसे पहले पुष्टि की थी कि बरामद हड्डियां और अन्य अवशेष किसी इंसान के हैं.
एक स्थानीय पुलिसकर्मी की मदद से, हड्डियों को रायगढ़ में पेन पुलिस ने उस स्थान से बरामद किया, जहां बोरा के शव को कथित तौर पर जला दिया गया था और गगोडे-खुर्द गांव के पास घने जंगलों में फेंक दिया गया था.
हत्या का आरोप और खुलासा
पुलिस ने आरोप लगाया कि 24 अप्रैल, 2012 को मुंबई मेट्रो में कार्यरत बोरा की हत्या उसकी मां और उसके पूर्व पति ने अपने ड्राइवर के साथ मिलकर की थी, लेकिन मामले का खुलासा अगस्त 2015 में हुआ.
अदालत की सुनवाई
सात मई को अदालत की सुनवाई में सीबीआई की ओर से पेश सरकारी वकील सी.जे. नांदोडे ने डॉ. खान से पहचान के लिए बरामद हड्डियों को दिखाने की मांग की, लेकिन काफी खोजबीन के बाद भी वे नहीं मिल पाईं.
गुरुवार, 13 मई को अगली सुनवाई में सीबीआई ने स्वीकार किया कि हड्डियों के दो पैकेटों का पता नहीं लगाया जा सका और गवाह (डॉ. खान) से पूछताछ जारी रहेगी.
कैसे हुई हत्या ?
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया, बोरा की मां व पूर्व मीडिया दिग्गज इंद्राणी मुखर्जी ने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना और अपने ड्राइवर श्यामवर राय के साथ मिलकर 24 अप्रैल, 2012 की रात को कार में उसका गला घोंट दिया था.
बाद में उसी रात, वे उसके शव को सूटकेस में छिपाकर गगोडे-खुर्द ले गए और जला दिया और अगली सुबह घर लौटने से पहले अवशेषों को जंगल में फेंक दिया.
एक महीने बाद, स्थानीय पुलिस को जली हुई हड्डियां और अवशेष मिले. लेकिन हत्या का मामला अगस्त 2015 में राय, इंद्राणी और बाद में खन्ना की गिरफ्तारी के बाद ही सामने आया. इंद्राणी को मई 2022 में जमानत पर रिहा किया गया, जबकि राय को मामले में अभियोजन पक्ष का गवाह बनने पर पहले ही रिहा कर दिया गया था.
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