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बेंगलुरु के वाइटफील्ड इलाके के रामेश्वरम कैफे (Rameshwaram Cafe Blast) में 1 मार्च को 2 आईईडी विस्फोट हुए. दोनों विस्फोट एक के बाद एक हुए. विस्फोट में करीब 10 लोग घायल हो गया. कर्नाटक के सीएम मुख्यमंत्री सिद्धारामैय्या भी ब्रुकफील्ड अस्पताल पहुंचकर घायल हुए लोगों से मिले.
हालांकि अब तक घटना के पीछे की वजह सामने नहीं आई है और न ही किसी ने इसकी जिम्मेदारी ली है. इस बीच कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा है कि रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में बिजनेस राइवेलरी के एंगल की भी जांच की जा रही है.
उन्होंने कहा, "गहराई से जांच चल रही है और सबूत जुटाए जा रहे हैं. यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि क्या यह विस्फोट की वजहों से किया गया है."
सवाल है कि बेंगलुरु के यह रामेश्वरम कैफे क्यों और कैसे इतना फेमस हुआ कि बम ब्लास्ट के पीछे प्रतिद्वंद्विता भी एक वजह हो सकती है? इस कैफे के कितने और ब्रांच है? चलिए आपको इस कैफे के बारे में सबकुछ बताते हैं.
रामेश्वरम कैफे क्यूएसआर (Quick Service Restaurant) मॉडल की एक साउथ इंडियन रेस्टोरेंट चेन है. यह कैफे अल्ट्रान वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की है. रामेश्वरम कैफे की ओर से शेयर की गयी जानकारी के मुताबिक, कंपनी जल्द से जल्द साउथ इंडियन खाने के जरिए अपने जायके को भारत के कई शहरों तक ले जाना चाहती है.
रामेश्वरम कैफे की वेबसाइट के मुताबिक साल 2021 में बेंगलुरु में कैफे के दो ब्रांच खोले गए. वहीं इस कैफे का नाम पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम के सम्मान में रखा गया है.
कैफे के सीईओ राघवेंद्र राव और उनकी पत्नी दिव्या राव ने रामेश्वरम कैफे चेन की शुरुआत की थी.
फिलहाल रामेश्वरम कैफे के चार ब्रांच चल रहे हैं. ये ब्रांच बेंगलुरु के जेपी नगर, इंदिरानगर, ब्रुकफील्ड और राजाजीनगर में है. कई मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जाता है कि इस कैफे में हर रोज 7500 लोगों बिल का भुगतान करते हैं और कैफे चेन को हर महीने 4 करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा होता है.
कंपनी की को-फाउंडर दिव्या राव ने एक पॉडकास्ट इंटव्यू में कहा था कि उनका कैफे शहर के रसूखदार इलाके में है इसलिए कंपनी को इसका भारी भरकम किराया भी चुकाना होता है. इसके अलावा कैफे चेन अपने व्यंजनों में घी का इस्तेमाल भी करती हैं जो उनकी लागत को और बढ़ा देता है.
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