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कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) के सिद्दन्ना लेआउट इलाके में दो दिन पहले कुछ लोगों के एक समूह ने एक दुकानदार पर हमला किया. दावा है कि "जब एक मस्जिद में अजान दी जा रही थी, तब स्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाया जा रहा था," इसी बात पर विवाद हुआ. वहीं इसके दो दिन बाद मंगलवार, 19 मार्च को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं और हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक के बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन किया.
इस दौरान सेंट्रल बेंगलुरु के नागरथपेट इलाके में विरोध प्रदर्शन के बीच बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या और केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे सहित बीजेपी के कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है.
इसके अलावा सैकड़ों दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं को भगवा झंडे थामे और 'जय श्री राम' और हनुमान चालीसा का जाप करते देखा गया.
हालांकि, बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद ने क्विंट हिंदी को बताया कि पिटने वाले युवक मुकेश की मूल शिकायत में किसी भजन या अजान का कोई जिक्र नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि आरोपी व्यक्तियों में मुस्लिम और हिंदू दोनों शामिल हैं.
रविवार, 17 मार्च की शाम को, पांच से छह लोगों के एक ग्रुप ने कथित तौर पर अपनी दुकान में "तेज आवाज में म्यूजिक बजाने" को लेकर 26 वर्षीय मुकेश की पिटाई की. मुकेश सिद्दन्ना लेआउट में एक मोबाइल मरम्मत की दुकान चलाता है.
यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसकी क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
उस रात बाद में, हलासुरू गेट पुलिस ने मुकेश की शिकायत के आधार पर तीन आरोपियों - सुलेमान, शाहनवाज और रोहित को गिरफ्तार कर लिया. कमिश्नर दयानंद ने क्विंट हिंदी को बताया कि दो अन्य आरोपियों, दानिश और तरूणा को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया, और एक आरोपी को गिरफ्तार किया जाना बाकी है.
मुकेश ने दर्ज की शिकायत में कहा:
"जब मैं दुकान में था, तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं बहुत तेज आवाज में संगीत बजा रहा हूं और सभी को परेशान कर रहा हूं. वे चिल्ला रहे थे. फिर, चिल्लाना बढ़ गया और शाहनवाज ने मेरे चेहरे पर मुक्का मारा और सुलेमान ने मुझे मारा."
मुकेश ने कहा, "उन्होंने मुझे दुकान से बाहर खींच लिया, और भी लोग इकट्ठे हो गए और मुझे तब तक पीटा जब तक मैं लहूलुहान नहीं हो गया. उसके बाद, उन्होंने दुकान से एक छोटा स्पीकर बॉक्स लिया और मेरे चेहरे पर मारा... मेरा अनुरोध है कि उन्हें कानून के तहत सख्त से सख्त सजा दी जाए."
हालांकि मुकेश की शिकायत में अजान, हनुमान चालीसा या भजन का कोई जिक्र नहीं था. वहीं सोमवार, 19 मार्च को पत्रकारों से बात करते हुए मुकेश ने आरोप लगाया:
मुकेश की मूल शिकायत में किसी भजन या अजान का जिक्र न होने पर कमिश्नर दयानंद ने कहा, 'अभी इसकी जांच चल रही है, जांच में जो भी सामने आएगा, उसके मुताबिक हम आगे बढ़ेंगे.'
सोमवार, 18 मार्च को, बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस घटना के लिए कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया.
सूर्या ने सोमवार, 18 मार्च को भी मुकेश से मुलाकात की और आरोप लगाया कि अपनी प्रारंभिक शिकायत में, मुकेश ने यह जिक्र नहीं किया कि वह हनुमान चालीसा बजा रहे थे, "हमले का असली कारण हनुमान चालीसा बताया गया था."
केंद्रीय राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा, "कितना तुष्टिकरण बहुत अधिक तुष्टीकरण होता है? कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण नीति ने कर्नाटक को राष्ट्र-विरोधी जिहादी तत्वों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल में बदल दिया है, जहां हिंदू पीड़ित है. कांग्रेस हिंदुओं के लिए लगातार खतरा बनी हुई है. उन्हें हमारे धैर्य और सहनशीलता की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए."
कर्नाटक कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "नगरटा कस्बे में हुए दंगों को सांप्रदायिक रंग देने के बाद बीजेपी ने अपने स्टाइल में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. शिकायतकर्ता द्वारा दायर शिकायत में "हनुमान चालीसा को लेकर मारपीट" का कोई जिक्र नहीं है और आरोपियों में हिंदू भी हैं. चुनाव के दौरान सांप्रदायिकता भड़काने वाले राजनीतिक दल या मीडिया से आचार संहिता के हिसाब से निपटा जाना चाहिए.''
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