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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बदायूं (Badaun Double Murder Case) में दो नाबालिग बच्चों की हत्या हो गई है, जिसके बाद इलाके में आक्रोशित भीड़ ने आगजनी की. कुछ घंटे बाद सूचना मिली कि आरोपी पुलिस मुठभेड़ (Encounter) मे मारा गया है. घटना 19 मार्च के शाम की है. इलाके में फिलहाल भारी पुलिस बल की तैनाती है. मामले में FIR भी दर्ज हो चुकी है. क्या है पूरा मामला, सिलसिलेवार तरीके से बताते 1हैं.
डीएम मनोज कुमार ने बताया कि, "ये मामला बदायूं के मंडी चौकी के पास का है. यहां एक व्यक्ति ने घर में घुस कर दो नाबालिग बच्चों की हत्या कर दी है. इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने आगजनी की, सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और मामले को नियंत्रण में ले लिया गया है. हत्या के पीछे का कारण अभी नहीं पता है."
19 मार्च की रात को मौके पर मौजूद बरेली आईजी राकेश सिंह ने बताया कि जांच जारी है, "हत्या के पीछे का कारण अब तक पता नहीं चल पाया है. पुलिस ने आरोपी का पीछा किया जिसमें आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग की, अपने बचाव में पुलिस ने भी बैकफायर किया है जिसमें उसकी मौत हो गई है. फिलहाल आरोपी की जानकारी भी जुटाई जा रही है. इस मामले में कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी."
समाचार एजेंसी पीटीआई ने आईजी राकेश सिंह के हवाले से बताया कि आरोपी को शेखुपुरी जंगल के पास देखा गया था.
वहीं समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मृतक भाइयों के तीसरे भाई (मामले में प्रत्यक्षदर्शी) ने कहा:
इस मामले में बदायूं पुलिस ने मृतक के पिता की शिकायत पर आरोपी साजिद और उसके भाई जावेद के खिलाफ FIR दर्ज़ की है. दोनों के खिलाफ धारा 452 (बिना अनुमति के किसी के घर में उसे चोट पहुंचाने के इरादे से घुसना), 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
FIR में लिखा गया, " बजे नाई की दुकान पर काम करने वाले साजिद और जावेद (दोनों भाई) बाइक पर पहुंचे. आरोपी साजिद ने मेरी पत्नी से कहा कि उसे पांच हजार रुपये चाहिए क्योंकि उसकी पत्नी बच्चे को जन्म देने वाली है. जब वह पैसे लेने के लिए अंदर गई, तो उसने कहा कि वह अस्वस्थ महसूस कर रहा है और छत पर टहलने जाना चाहता है और मेरे बेटों (मृतक) को अपने साथ ले गया. उसने अपने भाई जावेद को भी छत पर बुला लिया और फिर मेरे बच्चों की हत्या कर दी."
मृतक बच्चों के पिता विनोद कुमार ने कहा, "दोनों मेरे घर पांच हजार रुपये मांगने आए थे और कहा कि सुबहर वापस कर देंगे. मेरे पत्नी ने फोन कर मुझसे पूछा तो मैंने कहा दे दो, सामने की बात है. मेरे पत्नी ने पैसा दे दिया तो उसने मेरे लड़के आयुष से कहा चलो ऊपर चलते हैं और छोटे वाले हनी से कहा कि पानी लेकर आना. इसके बाद उसने आयुष को मार दिया और बाद में हनी को वहीं पकड़कर खत्म कर दिया."
विनोद ने आगे कहा, "मैं बाहर रहता हूं और टैंक का काम करता हूं. इनकी दुकान हमारे घर के सामने थी, तो बच्चे और हम लोग इनके यहां बाल कटवा लेते थे, लेकिन हमारी कोई दुश्मनी नहीं थी. घटना को क्यों अंजाम दिया गया, ये समझ नहीं आ रहा है."
मृतक बच्चों की मां संगीता ने कहा, "जावेद और साजिद दुकान आए, तीन क्लेचर लिये और मुझे पैसे देकर बोला कि भाभी पत्नी की 11 बजे डिलीवरी करानी है तो पांच हजार रुपये दे दीजिए. मैंने अपने पति से पूछा तो उन्होंने कहा दे दो अच्छे लोग हैं, सुबह वापस कर देंगे. मैंने पैसे दे दिये और कहा कि बैठ जाओ चाय पीकर जाना और फिर मैं चली गई."
संगीता ने आगे बताया, "हमारी कोई दुश्मनी नहीं है. लेकिन हमको लगता है कि किसी ने इनसे ये सब करवाया है. जावेद सब जानता होगा. उससे पूछताछ की जाए और हमें न्याय मिले. हमको नहीं पता कि हत्या खुद की या किसी के कहने पर की है. हमें बस न्याय चाहिए."
आरोपियों की मां नाजरीन ने कहा, "क्या पता उनके दिमाग में क्या कलेश चल रहा था, घर से रोटी खाई और दुकान के लिए निकल दिये. सुबह निकल जाते हैं और रात को 9-10 बजे के करीब आते हैं. कल सुबह 7 बजे दुकान गये थे,घर में कोई लड़ाई झगड़ा हो, तब तो टेंशन होगी, ऐसा कुछ है ही नहीं."
नाजरीन ने आगे कहा, "हमें यहां के बारे में ये लोग कभी कुछ नहीं बताते थे. लेकिन बच्चों को लेकर दुख होता है. ये लोग न ऐसा करते और न इनके साथ कुछ होता. गलत किया है तो इनके साथ ( एनकाउंटर) सही हुआ है. एक बेटे की मौत हो गई है और दूसरे का पता नहीं है."
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