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गुजरात (Gujarat) के स्कूलों में क्लास 6 से 12वीं के छात्रों को श्रीमद्भागवत गीता (Bhagvad Gita) पढ़ाई जाएगी. गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी (Jitu Vaghani) ने विधानसभा में इसकी घोषणा की. सरकार ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत इसका ऐलान किया है.
उन्होंने आगे कहा कि, "भारत में गीता का बहुत महत्व है और बच्चों के लिए गीता सीखना भी बहुत अच्छी बात है."
शिक्षा मंत्री जीतू वघानी (Jitu Vaghani) ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, "दुनिया को भारत की देन है गीता का ज्ञान! गुजरात में 6 से 12 कक्षा के विद्यार्थी अन्य विषयों के साथ गीता ज्ञान का अभ्यास करेंगे. हर घर में गीता, हर घर में पठन."
गुजरात के स्कूलों में गीता की पढ़ाई 2022-23 सेशन से शुरू होगी. स्कूली शिक्षा में भारतीय संस्कृति और ज्ञान प्रणाली को शामिल किया जाएगा. पहले चरण में भागवत गीता के मूल्यों और सिद्धांतों को 6-12वीं क्लास के पाठ्य पुस्तकों में कहानी और पाठ के रूप में पेश किया जाएगा. भागवत गीता को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताएं और रचनात्मक गतिविधियों का भी आयोजन भी होगा.
गुजरात में स्कूली शिक्षा को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस की ओर से एक ट्वीट में कहा गया है कि, "सरकार की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में 700 स्कूल ऐसे हैं, जहां पढ़ाने के लिए सिर्फ एक टीचर है. पिछले दो सालों में 86 स्कूल बंद हो चुके हैं और 491 स्कूलों को मर्ज किया जा चुका है."
गुजरात की बीजेपी सरकार के इस फैसले को चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है. प्रदेश में इस साल नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने की संभावना है. वर्तमान सरकार का कार्यकाल अगले साल फरवरी में खत्म हो जाएगा.
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