Home News India 8 जनवरी भारत बंद: देशभर में कहां-कहां हुआ बंद का असर, बड़ी बातें
8 जनवरी भारत बंद: देशभर में कहां-कहां हुआ बंद का असर, बड़ी बातें
ममता बनर्जी सरकार ने मुद्दों का समर्थन करते हुए भी भारत बंद का विरोध किया है
क्विंट हिंदी
भारत
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गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों ने रोकीं ट्रेन
(फोटो: PTI)
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देश के 10 बड़े ट्रेड यूनियनों ने 8 जनवरी को देशभर में 24 घंटे का बंद बुलाया. ये बंद सरकार की 'श्रम विरोधी नीतियों' के खिलाफ बुलाया गया. दिल्ली से लेकर बिहार, पश्चिम बंगाल तक देश के कई हिस्सों में बंद का असर देखा गया. कई जगह यातायात और बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रहीं. हालांकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसी भी तरह के बंद का विरोध किया है.
ममता बनर्जी ने कहा, "जिनका कोई राजनीति आधार नहीं है, वो लोग 'बंद' जैसी सस्ती राजनीति करके अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं."
भारत बंद की बड़ी बातें
पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारियों ने बसों को नुकसान पहुंचाया, सड़क जाम की, ट्रेने रोकीं. इस दौरान कई दुकानों और व्यावसायिक केंद्र बंद रहे. सड़कों पर लोग, ऑटो रिक्शा और ऐप-आधारित टैक्सी कम संख्या में नजर आए.
पूर्वी रेलवे के सियालदह-बारासात लाइन पर हृदयपुर स्टेशन के पास प्रदर्शनकारियों की ओर से रोकी गई एक ट्रेन के नीचे से बारासात रेलवे स्टेशन पर बम पाया गया. जीआरपी के जवानों ने बम को इनएक्टिव किया.
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार ने मुद्दों का समर्थन करते हुए भी भारत बंद का विरोध किया है. राज्य सरकार एक ज्ञापन के साथ भी आई है जिसमें अपने सभी कर्मचारियों को ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने के लिए कहा और 7 से 9 जनवरी के बीच कोई आकस्मिक छुट्टी नहीं दी जाएगी.
बिहार और झारखंड में भी मिलाजुला असर देखा गया. झारखंड के कुछ क्षेत्रों में बंद का कोई खास असर नहीं दिखा, लेकिन कोयलांचल में बंद का प्रभाव दिखा. बिहार की राजधानी सहित कई क्षेत्रों में बंद के समर्थन में श्रमिक संगठनों के लोग सड़क पर उतरे और जुलूस निकाला.
बिहार के बेगूसराय में ट्रेड यूनियन हड़ताल समर्थकों ने बस स्टैंड के पास एनएच 31 को कुछ देर के लिए जाम किया, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ.
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ भारत बंद से दिल्ली में यातायात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. इस दौरान बिजनेस और कॉमर्शियल इंस्टीट्यूट खुले रहे. आईटीओ जाने वाले शहीद पार्क रोड जैसे कुछ क्षेत्रों को प्रदर्शनकारियों के मार्च के कारण बंद कर दिया गया.
आंध्र प्रदेश में सड़क पर नाकाबंदी करने और बसों को रोकने की कोशिश करने पर पुलिस ने वामपंथी दलों और ट्रेड यूनियनों के नेताओं को गिरफ्तार कर लिया. प्रदर्शनकारियों को RTC की बसों को डिपो से बाहर निकलने से रोकने की कोशिश करने पर विजयवाड़ा, गुंटूर, अंगोले, विशाखापत्तनम, कडपा और अन्य शहरों से गिरफ्तार किया गया.
हड़ताल से ओडिशा में JEE मुख्य परीक्षा 2020 समेत कई परीक्षाएं भी प्रभावित हुईं. जेईई प्रमुख परीक्षा के कई उम्मीदवारों को समय से काफी पहले ही परीक्षा केंद्रों पर पहुंचते देखा गया. बंद के कारण बस और ट्रेन सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. आपातकालीन सेवाओं पर हालांकि कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
'भारत बंद' से त्रिपुरा में आम जनजीवन प्रभावित हुआ. राज्य में अधिकतर बाजार, दुकानें बंद रहे. इसके अलावा प्राइवेट और कॉमर्शियल गाड़ियां सड़कों पर काफी कम संख्या में दिखी. लेकिन ज्यादातर सरकारी ऑफिस लगभग सामान्य रूप से चलते रहे.
तमिलनाडु में आम जनजीवन पर उतना प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन सार्वजनिक बैंकों में कामकाज प्रभावित हुआ है. राज्य में सार्वजनिक बसें और ऑटो रिक्शा सड़कों पर देखे गए. हालांकि आम दिनों की तुलना में आज कम बसें दिखी. केरल जाने वाली बसें या तो चली नहीं या तमिलनाडु की सीमा पर रुक गई.
भारत बंद के दौरान बारिश के बीच पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में बंद को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. राज्यों में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना के होने की कोई खबर नहीं है. पुलिस ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(CPI-M), अन्य वामपंथी दलों और बंद का आह्वान करने वाले ट्रेड यूनियनों के नेता अपनी-अपनी पार्टियों के झंडे के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करते नजर आए. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की 'जन-विरोधी' और 'मजदूर-विरोधी' नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की.
विशाखापत्तनम स्टील प्लांट (VSP) में भी ट्रेड यूनियनों के नेताओं के साथ हड़ताली कर्मचारियों और वाम दलों के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने 'पोस्को गो बैक' के भी नारे लगाए.
केंद्र सरकार के श्रमिक विरोधी कानूनों और निजीकरण के प्रयासों के विरोध में हजारों लोगों ने कर्नाटक के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया. प्रदर्शनकारी कई जगहों जैसे तुमकुरु, मैसुरू, बेंगलुरु और दूसरी जगहों पर ट्रेड यूनियनों के लाल झंडे को लिए दिखाई दिए.