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HRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि JNU फीस बढ़ोतरी का मुद्दा सुलझ गया है और अब प्रदर्शन का कोई मतलब नहीं है. निशंक ने कहा, "छात्रों और शिक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बातचीत के बाद मुद्दा सुलझ गया है. छात्रों की सर्विस और यूटिलिटी चार्ज में बढ़ोतरी की मुख्य मांग के अलावा और भी कई मुद्दे सुलझा दिए गए हैं और अब प्रदर्शन ठीक नहीं है."
5 जनवरी को JNU में हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष से पूछताछ की है.
ABVP ने JNU हिंसा मामले की जांच कर रही SIT से 28 अक्टूबर से लेकर 5 जनवरी तक की CCTV फुटेज खंगालने की अपील की है.
ABVP की महासचिव निधि त्रिपाठी ने कहा है कि फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन को छात्र प्रदर्शन कहना गलत होगा. त्रिपाठी ने कहा, "JNU पर नक्सल हमला हुआ था. इसकी स्क्रिप्ट 28 अक्टू(फाइल फोटो: PTI)बर 2019 को लिखी गई थी और वो 5 जनवरी को हिंसा के साथ पूरी की गई."
JNU के वाइस चांसलर जगदीश कुमार ने बताया है कि विंटर सेमेस्टर के लिए 50% से ज्यादा बच्चो ने रजिस्टर कराया है. कुमार ने कहा, "50% से ज्यादा बच्चो ने हॉस्टल फीस जमा कर दी है. क्लास शुरू हो गई हैं. सभी छात्रों से अपील है कि रजिस्टर करा लें वरना एक साल का नुकसान हो जाएगा."
जेएनयू हिंसा से जुड़े सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस, दिल्ली सरकार, व्हाट्सएप्प, एप्पल और गूगल से कल तक जवाब मांगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने फेसबुक, व्हाट्सऐप और गूगल को नोटिस जारी किया है. दरअसल जेएनयू के तीन प्रोफेसरों ने सीसीटीवी फुटेज, व्हाट्सऐप की चैट और दूसरे सबूतों को सुरक्षित रखने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दी थी. इसी पर हाईकोर्ट ने ये आदेश दिया है.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने एएनआई को बताया है दिल्ली पुलिस ने जेएनयू केस में जिन लोगों को नोटिस दिया था, उनमें से 9 लोगों से दिल्ली पुलिस पूछताछ करेगी.
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) हिंसा मामले की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकाबपोश लड़की की पहचान कर ली है. दिल्ली पुलिस ने रविवार को उस लड़की की पहचान कर ली है, जो 5 जनवरी की शाम डंडे लेकर यूनिवर्सिटी में हिंसा करते दिखाई दी थी. एसआईटी के अधिकारियों ने कहा कि लड़की को नोटिस जारी कर जांच में शामिल होने के लिए कहेंगे. नकाबपोश लड़की दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा बताई जा रही है.
कांग्रेस नेता शशि थरूर छात्रों के समर्थन में जामिया मिल्लिया इसलामिया के बाद JNU पहुंच गए हैं. जामिया में थरूर के खिलाफ उनके एक पुराने ट्वीट को लेकर प्रदर्शन हुआ था.
दीपिका पादुकोण के JNU जाने पर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैं उन्हें सच के साथ खड़े होने के लिए बधाई देता हूं. सिंधिया ने कहा, "दीपिका ने बहादुरी का एक उदाहरण पेश किया है. उनके खिलाफ बयान देश की संस्कृति के खिलाफ हैं."
JNU में 2020 विंटर सेमेस्टर के लिए रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ा कर 15 जनवरी कर दी गई है. छात्र बिना किसी लेट फाइन के 15 जनवरी तक रजिस्टर कर सकते हैं.
208 शिक्षाविदों ने देश के 'बिगड़ते शैक्षिक माहौल' के लिए 'लेफ्ट विंग समूह' को जिम्मेदार ठहराया है. इन शिक्षाविदों ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक खत लिख कर इस समूह पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है.
खत में लिखा गया, "छात्र राजनीति के नाम पर लेफ्ट के एजेंडे पर काम हो रहा है. JNU से लेकर जामिया और AMU से जादवपुर तक हाल ही में हुई घटनाओं से बिगड़ते शैक्षिक माहौल की चेतावनी मिल रही है."
जेएनयू के डीन ने सीनियर वॉर्डन को लेटर जारी किया है, जिसमें लिखा है कि अगर कोई बाहरी/ अवैध छात्र/अतिथि जेएनयू में किसी भी हॉस्टल के कमरे में रहता है, तो प्रशासन के नियमों के मुताबिक, रेसिडेंट छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
5 जनवरी को कैंपस में हुई हिंसा मामले को देखने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन ने 5 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है.
जेएनयू मामले पर यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर सुधीर कुमार सोपोरी ने कहा कि ये हिंसा की ये घटनाएं काफी निराशजनक हैं. उन्होंने कहा,
पूर्व वीसी ने आगे कहा, 'जब मैं वहां था, मेरे दरवाजे छात्रों के लिए हमेशा खुले थे. मेरे पास हमेशा छात्रों की मांगों की एक डायरी होती थी. जो मांगें पूरी हो सकती थी, उनके अनुसार उपाय किए गए थे.'
जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार ने कहा, ''एक समस्या यह है कि हॉस्टलों में कई अवैध छात्र रह रहे हैं, वे बाहरी हो सकते हैं, वे किसी भी संभावित हिंसा में भाग ले सकते हैं क्योंकि उनका यूनिवर्सिटी से कोई लेना-देना नहीं है.''
जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने एमएचआरडी सचिव अमित खरे से मुलाकात के बाद कहा कि वो मामले में पॉजिटिव तरीके से हस्तक्षेप करेंगे और जल्द ही इस मुद्दे पर एक सर्कुलर जारी करेंगे.
दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में 5 जनवरी को हिंसा देखने को मिली थी. अब चार दिन बार दिल्ली पुलिस के PRO एमएस रंधावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हिंसा में बाहरी छात्रों का हाथ होना मुश्किल है. पुलिस ने कहा कि JNUSU के सदस्यों ने पेरियार हॉस्टल पर हमला किया था.
न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया, दिल्ली पुलिस ने कुछ नकाबपोश लोगों की पहचान की है जिन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में छात्रों के साथ 5 जनवरी को बर्बरता और मारपीट की थी.
जेएनयू के वाइस चांसलर जगदीश कुमार ने कहा, ''यूनिवर्सिटी में स्थिति शांतिपूर्ण और सामान्य है. यूनिवर्सिटी में अकैडमिक गतिविधियां जारी रहेंगी. अकैडमिक उद्देश्यों के लिए हम हर छात्र की मदद करना चाहेंगे.''
JNU वीसी ने बताया, यूनिवर्सिटी में 13 जनवरी से सभी छात्रों की क्लास दोबारा शुरू हो जाएंगी.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति ममीदाला जगदीश कुमार आज सुबह 11:30 बजे मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे से मुलाकात करेंगे
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनवर्सिटी के कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाना समाधान नहीं है. मानव संसाधन विकास (एचआरडी) सचिव अमित खरे ने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी छात्रों के इस दावे पर शुक्रवार को कुमार से फिर बात करेंगे कि संशोधित शुल्क को लागू नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘कुलपति को हटाया जाना समाधान नहीं है.’’
दिल्ली पुलिस ने बताया, JNU छात्रों और टीचर्स ने मंडी हाउस से एचआरडी मंत्रालय तक मार्च निकाला. टीचर समेत 9 लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने HRD मिनिस्ट्री के सचिव से मिला. उनकी मीटिंग तक सबकुछ शांत रहा. हालांकि, जब जेएनयू प्रतिनिधिमंडल बैठक के बाद बाहर आया, तो छात्र नेताओं में से एक ने छात्रों को राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ने के लिए उकसाया. इसके बाद पुलिस ने राजेंद्र नगर रोड पर सामान्य यातायात बंद कर दिया और छात्रों को राष्ट्रपति भवन की ओर जाने से रोका. इस दौरान 11 लोगों को हिरासत में लिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया.
छात्रों ने अपनी मांग का यह ज्ञापन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव अमित खरे को सौंपा. ज्ञापन में जेएनयू छात्रों पर हुए हमले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग भी की गई. हालांकि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक अभी दिल्ली में मौजूद नहीं हैं. निशंक एक सरकारी कार्यक्रम में शिरकत करने चेन्नई गए हैं.
कुछ महिला प्रदर्शनकारियों की हिरासत पर JNUSU ने ट्ववीट करके दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि महिला प्रदर्शनकारियों को शाम छह बजे के बाद और महिला पुलिस ऑफिसरों के बिना हिरासत में क्यों लिया गया?
JNU में हुई हिंसा के बाद छात्र अब यूनिवर्सिटी के वॉइस चांसलर के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए हैं. प्रदर्शनकारी छात्र इसके लिए राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाल रहे हैं. इसी बीच छात्रों की पुलिस से झड़प की खबरें भी सामने आई हैं. अंबेडकर भवन के पास पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है. पुलिस इन छात्रों को बसों में भरकर ले गई.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि JNU हिंसा के पीछे गृह मंत्रालय और अमित शाह का हाथ है. रमेश ने कहा, "72 घंटे हो गए हैं, यह घटना अचानक नहीं हुई बल्कि योजनाबद्ध तरीके से की गई. हम सब जानते हैं कि इसके पीछे कौन है. हिंसा के पीछे MHRD और गृह मंत्री का हाथ है."
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''दिल्ली पुलिस क्या कर सकती है? ऊपर से अगर आदेश आएगा कि आपको हिंसा नहीं रोकनी, कानून व्यवस्था ठीक नहीं करनी, तो वो बिचारे क्या करेंगे? अगर नहीं मानेंगे तो सस्पेंड हो जाएंगे.''
JNU हिंसा पर लद्दाख के बीजेपी सांसद जम्यांग सेरिंग नामग्याल ने कहा, "मैं इसे बहुत दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं. हम देश के किसी भी हिस्से में हिंसा और बर्बरता की कड़ी निंदा करते हैं. हम एक लोकतांत्रिक देश में रह रहे हैं. इस लोकतंत्र का उपयोग करें, इसका दुरुपयोग न करें. अगर आपको कोई चिंता है, तो कोई भी सवाल है - तो इसे जाहिर करें, आप हंगामा क्यों कर रहे हैं? जेएनयू मामले में, यह जांच का विषय है, संबंधित अथॉरिटी पहले से ही इस पर काम कर रही है."
JNU के वाइस चांसलर ने दीपिका पादुकोण समेत कई हस्तियों के हिंसा पीड़ित छात्रों से मिलने पर सवाल उठाया है. वीसी जगदीश कुमार ने कहा, "मैं आंदोलनकारियों के समर्थन में आगे आने वाले सभी महान हस्तियों से पूछना चाहता हूं, उन हजारों छात्रों और शिक्षकों का क्या जो शोध और शिक्षण के अपने अधिकारों से वंचित हैं? आप उनके साथ क्यों नहीं खड़े हो सकते?"
न्यूज एजेंसी ANI ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया, JNU हिंसा मामले में पहले से रजिस्टर 3 के अलावा कोई भी ताजा मामला दर्ज नहीं किया गया है. अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. जेएनयू हिंसा में शामिल नकाबपोश लोगों की पहचान के लिए पुलिस कोशिश कर रही है.
अब दिल्ली के बेहद प्रतिष्ठित स्टीफेंस कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के छात्रों ने भी विरोध में क्लास का बहिष्कार कर दिया है.
कांग्रेस पार्टी की एक फैक्ट फाइंडिंग टीम बुधवार को JNU पहुंची. महिला कांग्रेस की अध्यक्षा सुष्मिता देव इस टीम का नेतृत्व कर रही हैं. इस टीम ने जेएनयू में जाकर जख्मी छात्रों, कुछ प्रोफेसरों और अन्य लोगों के बयान दर्ज किए हैं. कांग्रेस की इस टीम का गठन पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया है. पूर्व सांसद सुष्मिता देव अपने सहयोगियों के साथ कैंसप के हॉस्टल्स में गईं. यहां उन्होंने कई छात्राओं और हमले में जख्मी छात्रों से बात की.
कांग्रेस पार्टी के इन सदस्यों ने छात्रों के बयान की लिखित प्रति तैयार की है, जिसके आधार पर यह टीम जेएनयू में हुई हिंसा, हिंसा करने वाले उपद्रवियों, पीड़ित छात्रों, और पूरे घटनाक्रम पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) में जेएनयू के मौजूदा हालात पर बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक हुई. यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कुलपति जगदीश कुमार को बैठक में बुलाया गया. बैठक के दौरान मंत्रालय ने जल्द से जल्द हालात सामान्य करने के प्रयासों पर जोर दिया.
कुलपति के मुताबिक, प्रशासन ने तय प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की है. इसके साथ ही उन्होंने मंत्रालय को यह भी बताया कि विश्वविद्यालय में अब छात्रों के शीतकालीन पंजीकरण का कार्य सुचारु रूप से किया जा रहा है.
JNU में छात्रों और प्रोफेसर पर हमला करने वाले कुछ नकाबपोश लोगों की पहचान हो गई है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि पुलिस जल्द ही पुलिस दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को तोड़ने, छात्रों पर हमला करने वाले बाकी नकाबपोशों की भी पहचान कर लेगी.
JNU हिंसा मामले में पुलिस को कुल 11 शिकायतें मिलीं. प्रोफेसर से 1, ABVP छात्रों से 3, JNUSU और दूसरे छात्रों से 7 शिकायतें मिलीं. स्थानीय पुलिस ने शिकायतों को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच SIT को भेज दिया.
जेएनयू हिंसा के खिलाफ गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों के खिलाफ एफआईआर पर महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र अवहद ने कहा, "मैं कैबिनेट में छात्रों का प्रतिनिधि हूं और मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि उनके साथ कोई अन्याय न हो, मैं सीएम से बात करूंगा और इस समस्या का समाधान तलाशूंगा."
JNU हिंसा के बाद करीब 100 सांसदों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर वाइस चांसलर जगदीश कुमार को हटाने की मांग की है.
कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के चार सदस्य कल 8 जनवरी को JNU कैंपस जाएंगे. इस कमेटी को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बनाई थी.
मुंबई पुलिस के डीसीपी ने बताया है कि JNU हिंसा के विरोध में प्रदर्शन करने को लेकर उमर खालिद के खिलाफ 2 FIR दर्ज की गई हैं. पुलिस ने बताया है कि खालिद ने हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया और वहां गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने की वजह से FIR दर्ज हुई हैं.
CPM महासचिव सीताराम येचुरी ने आज JNU पहुंचकर छात्रों और टीचर्स के साथ एकजुटता दिखाई. येचुरी ने वाइस चांसलर जगदीश कुमार को हटाने की मांग भी की.उन्होंने JNU हिंसा की निंदा की है.
जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने कहा, ''5 जनवरी को हुई घटना दुखद है. किसी भी मुद्दे को सुलझाने के लिए हमारा कैंपस डिबेट और डिस्कशन के लिए जाना जाता है. हिंसा समाधान नहीं है. हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर अवसर तलाशेंगे कि यूनिवर्सिटी में सामान्य हालात की वापसी हो जाए.'' इसके अलावा उन्होंने कहा, ''रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फिर से शुरू हो चुकी है. स्टूडेंट अभी विंटर सेमेस्टर के लिए रजिस्टर कर सकते हैं. आओ नई शुरुआत करें और बीते समय को पीछे छोड़ दें.''
दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह ने जेएनयू हिंसा मामले पर कहा, ''हम जेएनयू में सभी जगहों पर गए और छात्रों से बातचीत की. अभी जांच शुरुआती चरण में है. छात्रों ने हम पर अपना भरोसा जताया है और हमें कुछ जानकारी दी है.''
दिल्ली: 5 जनवरी की शाम जेएनयू में हुई हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में जांट के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की एक टीम जेएनयू पहुंची
डीसीपी (साउथ-वेस्ट) देवेंद्र आर्य ने जेएनयू को लेकर कहा, ''यूनिवर्सिटी के किसी भी हिस्से से किसी ताजा घटना की खबर नहीं है. यूनिवर्सिटी के अंदर और बाहर दोनों जगह पुलिस की तैनाती जारी रहेगी.''
जेएनयू रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने कहा, ''हम छात्रों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फिर से शुरू हो सके. प्रशासन प्रदर्शन कर रहे छात्रों के संपर्क में है. यह बात सही नहीं है कि हम उनसे बात नहीं करते.''
जेएनयू में 5 जनवरी की शाम हुई हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में जांच के लिए दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम यूनिवर्सिटी पहुंची.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा जेएनयू हिंसा मामले पर गठित 4 सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी आज पार्टी के ऑफिस में मीटिंग करेगी. इस कमेटी को एक हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देनी है.
हिंदू रक्षा दल के पिंकी चौधरी ने कहा, ''जेएनयू देश-विरोधी गतिविधियों का अड्डा है. हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते. हम जेएनयू में हमले की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं और यह कहना चाहेंगे कि वे हमारे कार्यकर्ता थे.'' न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है कि पिंकी चौधरी के इस दावे की जांच की जा रही है.
मुंबई में जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दिखे 'फ्री कश्मीर' पोस्टर के मामले पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ''मैंने अखबार में पढ़ा है कि जिसने ‘फ्री कश्मीर’ का बैनर उठाया था, उन्होंने साफ किया कि वे इंटरनेट सेवाओं, मोबाइल सेवाओं और बाकी मुद्दों पर पाबंदियों से आजादी चाहते हैं. अगर कोई भारत से कश्मीर की आजादी की बात करता है तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.''
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष और 19 अन्य के खिलाफ 4 जनवरी को सर्वर रूम में कथित तोड़फोड़ और सिक्योरिटी गार्ड पर हमले के मामले में FIR दर्ज की है. हालांकि उनका नाम आरोपी वाले कॉलम में नहीं है, बल्कि डीटेल लिस्ट में शामिल है. 5 जनवरी को दर्ज हुई यह FIR जेएनयू प्रशासन की शिकायत के बाद हुई है.
मुंबई में जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर दिखने के मामले पर डीसीपी (जोन 1) संग्राम सिंह ने कहा, ''हमने बीती रात गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन के दौरान दिखे 'फ्री कश्मीर' पोस्टर का संज्ञान लिया है. हम निश्चित तौर पर इसकी जांच कर रहे हैं.''
मुंबई: जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने गेटवे ऑफ इंडिया से हटाकर आजाद मैदान शिफ्ट किया.
JNU हिंसा के खिलाफ मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने हटाया.
JNU ने सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस की आखिरी तारीख 12 जनवरी तक बढ़ा दी है. रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने बताया कि इन्फॉर्मेशन और कम्युनिकेशन सिस्टम चालू नहीं होने से तारीख बढ़ाई गई है.
मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया पर JNU हिंसा के विरोध में प्रदर्शन के दौरान 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर देखा गया. मुंबई में कल भी JNU में हुई हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था.
JNU में हिंसा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हुई है. न्यूज एजेंसी ANI ने बताया है कि पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने JNU हिंसा पर चार सदस्यों की फैक्ट-फाइंडिंग टीम बनाई है. टीम को मामले की विस्तृत जांच करने को कहा गया है. टीम अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को एक हफ्ते में सौंपेगी.
PRO एमएस रंधावा ने कहा है कि JNU में हुई हिंसा की जांच क्राइम ब्रांच करेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस जल्दी ही केस क्रैक कर लेगी. यूनिवर्सिटी में अंदर जाने में देरी के सवाल पर रंधावा ने कहा कि जैसे ही पीसीआर कॉल मिली, पुलिस तभी मौके पर गई थी.
जेएनयू हिंसा पर बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर ने कहा है कि यह घटना निंदनीय है. कपूर ने कहा, "यह काफी दुखद और चौंकाने वाला है. जो मैंने देखा, वह बहुत परेशान करने वाला था. मैं इसके बारे में सोचकर पूरी रात सो नहीं सका. हिंसा से हमें कुछ हासिल नहीं होगा, जिन्होंने ये किया है उन्हें सजा मिलनी चाहिए"
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने JNU के रजिस्ट्रार को कल हुई हिंसा में छात्राओं पर हमले को लेकर समन भेजा है.
JNU के सभी गेटों के बाहर दिल्ली पुलिस ने 700 जवान तैनात किए हैं.
CPM नेता सीताराम येचुरी ने कहा है कि JNU में हिंसा पहले से प्रायोजित थी. उन्होंने कहा कि ये डेमोक्रेसी पर हमला है.
जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन (JNUTA) ने छात्रों और टीचर्स पर हमले के बाद वाइस चांसलर को हटाए जाने की मांग की है. JNUTA ने कहा है कि वाइस चांसलर ने टीचिंग और लर्निंग प्रोसेस का मजाक बनाया है.
जेएनयू हिंसा पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा, ''मैं सभी स्टूडेंट बॉडीज और ग्रुप्स से कैंपस में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं. ऐसे संवेदनशील मामलों पर बोलने से पहले विपक्ष को सोचना चाहिए, आरोप-प्रत्यारोप मुद्दे का समाधान नहीं करेंगे.''
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू हिंसा को लेकर कहा, ''हमलावरों को मास्क पहनने की क्या जरूरत थी? वे कायर थे. मैं टीवी पर देख रहा था और इस (घटना ने) मुझे 26/11 के मुंबई आतंकी हमले की याद दिला दी. ऐसे हमलों को मैं महाराष्ट्र में बर्दाश्त नहीं करूंगा.''
जेएनयू हिंसा पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, ''यह घटना राष्ट्रीय राजधानी में देश की अगुआ यूनिवर्सिटी में केंद्र सरकार, गृह मंत्री, एलजी और पुलिस कमिश्नर की निगरानी में हुई है.'' इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''हम हिंसा के लिए जिम्मेदारों की पहचान हो और उनको 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार किया जाए. हम यह भी चाहते हैं कि अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए और तुरंत कार्रवाई की जाए.''
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जेएनयू हिंसा पर कहा, ''भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज हर दिन दबाई जा रही है. सत्ताधारी मोदी सरकार के सक्रिय उकसावे के साथ गुंडों द्वारा भारत के युवाओं पर भयावह हिंसा अस्वीकार्य है.''
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जेएनयू हिंसा पर कहा, ''यह काफी परेशान करने वाली है. यह लोकतंत्र पर खतरनाक साजिशन हमला है.'' इसके अलावा उन्होंने कहा, ''दिल्ली पुलिस अरविंद केजरीवाल के अंदर नहीं आती है, बल्कि यह केंद्र सरकार के अंदर आती है. एक तरफ उन्होंने बीजेपी के गुंडे भेजे और दूसरी तरफ उन्होंने पुलिस को निष्क्रिय कर दिया. अगर पुलिस को प्रशासन से निर्देश मिलेगा तो वो क्या कर सकती है. यह फासीवादी सर्जिकल स्ट्राइक है.''
दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाती मालीवाल ने जेएनयू में कल हुई हिंसा के दौरान छात्राओं पर हमले को लेकर पुलिस को समन जारी किया.
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने जेएनयू हिंसा पर कहा, ''मैं इस हिंसा की निंदा करता हूं...बदतर यह है कि एक वीडियो है, जो दिखाती है कि पुलिस ने उन्हें (हमलावरों को) आसानी से निकलने दिया.''
मुंबई: एक्टर सुशांत सिंह भी गेटवे ऑफ इंडिया पहुंचे, जहां छात्र कल की जेएनयू हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
दिल्ली: जेएनयू रजिस्ट्रार, प्रोक्टर और अन्य अधिकारियों के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव की बैठक जारी है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने संबंधित अधिकारियों के हवाले से बताया है कि जेएनयू ने कैंपस में हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेज दी है.
उत्तर प्रदेश: जेएनयू में हिंसा के बाद पुलिस बल अलर्ट पर हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सहित राज्यभर की यूनिवर्सिटीज में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की जा रही है.
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा का मामला अपनी क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया है.
साबरमती हॉस्टल के सीनियर वॉर्डन आर मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा है, ''हमने कोशिश की लेकिन हॉस्टल को सुरक्षा मुहैया नहीं करा सके.''
जेएनयू हिंसा को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली पुलिस और गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा,
इसके अलावा उन्होंने कहा, ''ऐसा लगता है कि मोदी और अमित शाह की सरकार के रूप में नाजी शासन आ गया है. इन गुंडों का ताल्लुक बीजेपी और एबीवीपी से था. यह सब कुलपति की मूक सहमति से हो रहा था. यब सब अमित शाह के मौन समर्थन से हुआ.''
एम्स ट्रॉमा सेंटर चीफ राजेश मल्होत्रा ने बताया, ''जेएनयू के सभी 34 स्टूडेंट, जिन्हें कल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, उनको डिस्चार्ज कर दिया गया है.''
जेएनयू हिंसा में घायल हुई जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष को 6 जनवरी को एम्स से छुट्टी दे दी गई. 5 जनवरी को जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा में घोष को सिर में चोट लगी थी. जेएनयू छात्र संघ ने आरोप लगाया कि आरएसएस से जुड़े एबीवीपी के सदस्यों ने उन पर पत्थर और छड़ से हमला किया था.
जेएनयू वीसी एम जगदीश कुमार ने कहा, ''मैं सभी छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील करना चाहूंगा. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके विंटर सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन बिना किसी बाधा के हों...यूनिवर्सिटी की सबसे बड़ी प्राथमिकता अकैडमिक हितों को बचाना है.''
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने जेएनयू हिंसा पर कहा, ''जांच शुरू हो चुकी है, इसलिए अभी इस पर बोलना सहीं नहीं होगा, लेकिन यूनिवर्सिटीज को राजनीति के केंद्र में तब्दील नहीं किया जाना चाहिए, ना ही छात्रों को राजनीतिक मोहरों की तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए.''
डीसीपी (साउथ-वेस्ट), देवेंद्र आर्य ने बताया, ''हमने कल की जेएनयू हिंसा का संज्ञान लिया है और अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है. सोशल मीडिया और सीसीटीवी फुटेज जांच का हिस्सा होंगी.''
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जेएनयू में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती है, प्रशासन सिर्फ वैध पहचान पत्र के साथ ही छात्रों को कैंपस में जाने दे रहा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया है- जेएनयू में 5 जनवरी की शाम हुई हिंसा के मामले में FIR दर्ज की गई है.
जेएनयू हिंसा पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ''मास्क लगाए लोगों को कैंपस में घुसने की अनुमति कैसे मिली? वाइस चासंलर ने क्या किया? पुलिस बाहर क्यों खड़ी थी? गृह मंत्री क्या कर रहे थे? इन सब सवालों का जवाब नहीं मिला है. यह स्पष्ट साजिश है, जिसकी जांच होनी चाहिए.''
जेएनयू की एक स्टूडेंट ने कहा, ''लाठी-सरिए लेकर बाहर से लोग आए थे. यूनिवर्सिटी में हालात खराब हैं. इसलिए मैं फिलहाल कैंपस से जा रही हूं.''
दिल्ली: जेएनयू में 5 जनवरी की शाम हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर एक बैठक जारी है. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री इस बैठक में मौजूद हैं.
केरल के सीएम पी विजयन ने कहा, ''छात्रों पर हमला असहिष्णुता का नतीजा है. जो लोग देश में हिंसा और अराजकता पैदा करना चाहते हैं, उन्होंने ही जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कैंपस में छात्रों और टीचर्स पर नाजी-स्टाइल हमला किया है.''
जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर बीएसपी चीफ मायावती ने कहा, ''जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निंदनीय और शर्मनाक. केंद्र सरकार को इस घटना को अति-गंभीरता से लेना चाहिए. साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो जाए तो यह बेहतर होगा.''
दिल्ली पुलिस ने 6 जनवरी को बताया, ''हमारे पास जेएनयू में कल हुई हिंसा को लेकर कई शिकायतें आई हैं. हम जल्द ही FIR दर्ज करेंगे.''
दिल्ली पुलिस ने कहा, "JNU में कल हुई हिंसा के संबंध में हमें कई शिकायतें मिली हैं. हम जल्द ही एफआईआर दर्ज करेंगे"
दिल्ली की जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी की जामिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी (JCC) ने JNU में हुई हिंसा पर कहा कि हम मांग करते हैं कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में आतंक फैलाने वाले गुंडों की पहचान की जाए और उनके खिलाफ तुरंत एक एफआईआर दर्ज की जाए.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के खिलाफ कैंडल लाइट प्रदर्शन किया.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी शिक्षक महासंघ (JNUTF) ने बयान जारी कर कहा कि JNUTF कुछ हिंसक आंदोलनकारी छात्रों द्वारा बनाए गए भय और क्रूरता के माहौल को लेकर बेहद चिंतित है. JNUTF आंदोलनकारियों द्वारा इस तरह के हिंसक बर्ताव की निंदा करता है.
दिल्ली पुलिस के पीआरओ, एमएस रंधावा ने दिल्ली के आईटीओ में पुलिस मुख्यालय में जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों के साथ बैठक की. एक छात्र प्रतिनिधिमंडल को एम्स ट्रॉमा सेंटर में जाने की इजाजत दी गई है, जहां जेएनयू हिंसा में घायल हुए लोगों को भर्ती कराया गया है.
जेएनयू के छात्रों ने अंदर से धक्का देकर बंद गेट खोल दिया. पुलिस ने गेट बंद करने की कोशिश की, लेकिन छात्रों ने फिर से धक्का देकर उसे खोल दिया. इसके बाद लोग अंदर गए.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने ट्वीट किया- "मैं JNU हिंसा की घटना में घायल हुए छात्रों को लेकर AIIMS के निदेशक के साथ लगातार संपर्क में हूं. मैं सभी से अपील करता हूं कि वे डॉक्टरों को अपना सर्वश्रेष्ठ करने दें. मैं सभी ग्रुप्स के सहानुभूति रखने वालों से अस्पताल परिसर से हटने का अनुरोध करता हूं, जहां सैकड़ों अन्य गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है."
दीया मिर्जा ने दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया- "कब तक इसे जारी रखने की इजाजत दी जाएगी? कब तक आंख मूंदेंगे? राजनीति या धर्म के नाम पर कब तक कमजोरों पर हमला किया जाएगा? अब बहुत हो गया है."
गौतम गंभीर ने ट्वीट किया- "यूनिवर्सिटी कैंपस में इस तरह की हिंसा पूरी तरह से इस देश के लोकाचार के खिलाफ है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विचारधारा क्या है, छात्रों को इस तरह से निशाना नहीं बनाया जा सकता है. इन गुंडों को सख्त सजा दी जानी चाहिए जिन्होंने यूनिवर्सिटी में घुसने की हिम्मत की है."
JNUTA अध्यक्ष का कहना है कि करीब 20 छात्रों और 5-6 फैकल्टी मेम्बर्स पर हमला किया गया और वे घायल हुए.
दिल्ली में एम्स ट्रॉमा सेंटर के बाहर प्रदर्शनकारियों ने ‘जय भीम’ के नारे लगाए. यहां जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी हिंसा में घायल हुए लोगों को भर्ती कराया गया है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा- "भारत की उदार लोकतंत्र के रूप में एक स्थापित वैश्विक प्रतिष्ठा है. अब मोदी-शाह के गुंडे हमारे विश्वविद्यालयों में घुस रहे हैं, हमारे बच्चों में डर फैला रहे हैं, जिन्हें बेहतर भविष्य की तैयारी करनी चाहिए. चोट में अपमान को जोड़ने के लिए, बेजीपी नेता मीडिया में यह दिखावा कर रहे हैं कि यह उनके गुंडे नहीं थे जिन्होंने इस हिंसा को अंजाम दिया. जनता को धोखा नहीं दिया जाता है."
JNU प्रशासन ने बयान जारी कर कैंपस में हुई हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और इसका निंदा की है. प्रशासन ने अपने बयान में कहा- “प्रशासन कैंपस में किसी भी तरह की हिंसा की निंदा करता है. JNU प्रशासन इस हिंसा में छात्रों को पहुंची चोट से बेहद दुखी है.”
दिल्ली पुलिस के डीसीपी (साउथ-वेस्ट) देवेंद्र आर्या ने बताया कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन के अनुरोध पर पुलिस कैंपस में गई और फ्लैग मार्च किया. उन्होंने कहा कि फिलहाल कैंपस में शांति है और पुलिस तैनात है.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक वीडियो पोस्ट किया है और दावा किया है कि JNU गेट के बाहर कुछ लोगों ने आजतक के पत्रकार के साथ मारपीट की है और दिल्ली पुलिस ने कोई बीच-बचाव नहीं किया.
घायलों से AIIMS ट्रॉमा सेंटर में मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि उन्हें घायल छात्रों ने बताया कि कुछ गुंडे कैंपस में घुसे और हथियार और लाठियों से हमला किया. प्रियंका ने लिखा कि कईयों को सिर पर काफी चोट आई है.
प्रियंका ने कहा- “एक छात्र ने कहा कि पुलिस ने कई बार उसके सिर पर लात मारी. इस सरकार में कुछ बहुत ही गलत है, जो अपने ही बच्चों पर इस तरह की हिंसा को बढ़ावा देती है.”
प्रीत विहार से ITO दिल्ली पुलिस मुख्यालय की ओर जाने वाले विकास मार्ग को प्रदर्शन के कारण बंद कर दिया गया है.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) ने JNU के रजिस्ट्रार से तत्काल मामले की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही वाइस चांसलर और दिल्ली पुलिस से बात कर कैंपस में शांति बहाल करने को कहा है.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने घटना की निंदा करते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है.
भारतीय जनता पार्टी ने ट्वीट कर इस पूरी घटना को अराजक तत्वों का काम बताया है. BJP ने लिखा- “हम JNU कैंपस में हुई हिंसा की निंदा करते हैं. ये अराजक शक्तियों का हताशा भरा प्रयास है. ये छात्रों को चारे के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं और तनाव फैलाकर अपनी घटती राजनीतिक स्थिति को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी शिक्षा और ज्ञान की जगह बने रहनी चाहिए. ”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी JNU हिंसा में घायल छात्रों और टीचरों से मिलने के लिए AIIMS ट्रॉमा सेंटर पहुंची हैं. ट्रॉमा सेंटर में JNU में घायल 18 लोगों को भर्ती किया गया है.
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया है और पूछा है- “ ये देश की राजधानी में क़ानून व्यवस्था का कहाँ का मॉडल लागू किया जा रहा है? ”
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD) ने घटना को अफसोसनाक बताया है.
JNUSU के महासचिव सतीश चंद्र यादव ने ABVP पर हिंसा का आरोप लगाया है. सतीश का आरोप है कि ABVP के छात्र कल से ही लोगों को पीट रहे थे.
घटना के बाद JNU जा रहे स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव के साथ गेट के बाहर ही कुछ लोगों ने धक्का मुक्की की और उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. वहां मौजूद पुलिस सिर्फ देखती रही.
JNU की छात्र रहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी ट्वीट कर घटना पर चिंता जताई है. निर्मला ने लिखा- “JNU से डरावनी तस्वीरें आ रही हैं- जिस जगह को मैं जानती हूं, वो तीखी बहसों और विचारों के लिए जाना जाता था, न कि हिंसा के लिए. पिछले कुछ हफ्तों में इस सरकार को लेकर चाहे जो भी कहा गया हो, लेकिन ये सरकार चाहती है कि यूनिवर्सिटी छात्रों के लिए सुरक्षित स्थान बना रहे.”
तृणमूल कांग्रेस ने घटना की निंदा करते हुए अपने एक प्रतिनिधिमंडल को छात्रों के समर्थन में दिल्ली भेजने का फैसला किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी के नेतृत्व में ये दल दिल्ली पहुंच रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्री ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से बात कर JNU में हालात का जायजा लेने को कहा है. ज्वाइंट कमिश्नर रैंक के पुलिस अधिकारी मामले की जांच करेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने JNU में हिंसा की घटना की निंदा करते हुए इसे यूनिवर्सिटी की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ बताया है. जयशंकर, JNU के छात्र रह चुके हैं.
दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने ट्वीट कर घटना की निंदा की और कहा - “दिल्ली पुलिस को JNU प्रशासन से कोऑर्डिनेट कर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. हिंसा के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है. हालात पर करीब से नजर रखी जा रही है.”
AIIMS ट्रॉमा सेंटर के अधिकारियों के मुताबिक उनके यहां JNU से 18 लोगों को भर्ती किया गया है. इनमें से ज्यादातर ने सिर में चोट की शिकायत की है. सभी घायलों की जांच चल रही है.
JNU की स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स के प्रोफेसर अमित परवेश्वरण और प्रोफेसर सुचित्रा देब को भी इस हिंसा में चोट लगी है. उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया है. कुछ और घायल छात्र बाहर अस्पताल के बाहर हैं.
JNU छात्रसंघ अध्यक्ष आयशी घोष के सिर पर गहरी चोट आई है. फिलहाल AIIMS में उनका स्कैन किया जा रहा है.
JNU में हुई हिंसा के खिलाफ दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने दावा किया है कि JNU की ओर जाने वाले सारे रास्तों को दिल्ली पुलिस ने बंद कर दिया है. यादव ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस कैंपस के अंदर बदमाशों को संरक्षण दे रही है.
JNU कैंपस में रविवार शाम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के छात्र नेताओं और लेफ्ट के छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प में कई छात्र घायल हो गए. जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आयशी घोष को गंभीर चोटें लगी हैं. जेएनयू में इस घटना का आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, शिवसेना, स्वराज इंडिया समेत कई पार्टियों के टॉप नेताओं ने गुस्सा जाहिर किया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस में ही सुरक्षित नहीं हैं, तो देश कैसे आगे बढ़ेगा. केजरीवाल ने कहा, 'जेएनयू में हुई हिंसा के बारे में जानकर मैं बहुत हैरान हूं. छात्रों ने बेरहमी से हमला किया. पुलिस को तुरंत हिंसा रोकनी चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए. अगर हमारे छात्र विश्वविद्यालय परिसर के अंदर सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा?'
जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आयशी घोष का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उनके माथे से खून बहता दिख रहा है, उनका कहना है कि कुछ मास्क पहने लोगों ने उन्हें बेरहमी से मारा है.