Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भीमा-कोरेगांव में तनाव के बीच शौर्य दिवस मनाने पहुंचा दलित समुदाय

भीमा-कोरेगांव में तनाव के बीच शौर्य दिवस मनाने पहुंचा दलित समुदाय

शौर्य दिवस के लिए लाखों लोग भीमा कोरेगांव में 201वें शौर्य दिवस के लिए इकट्ठा हो रहे हैं.

रौनक कुकड़े
भारत
Updated:
हर साल 1 जनवरी को दलित समुदाय के लाखों लोग शौर्य दिवस मनाने के लिए भीमा-कोरेगांव आते हैं
i
हर साल 1 जनवरी को दलित समुदाय के लाखों लोग शौर्य दिवस मनाने के लिए भीमा-कोरेगांव आते हैं
(फोटो: द क्विंट)

advertisement

वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी

भीमा कोरेगांव संग्राम की 201वीं बरसी पर होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोग इकट्ठा हो रहे हैं. हर साल पुणे से सटे भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी को शौर्य दिवस मनाया जाता है.

1 जनवरी, 2018 को दो समुदाय के बीच हिंसा भड़की थी. लेकिन इस बार शौर्य दिवस का प्रोग्राम शांतिपूर्वक हो, इसलिए एहतियात बरते गए हैं और सुरक्षा के मद्देनजर कई कदम उठाए गए हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
कोरेगांव-भीमा गांव और उसके चारों ओर बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, क्योंकि एक अनुमान के तौर पर एक जनवरी को वहां पूरे प्रदेश से 2 लाख से ज्‍यादा लोगों के पहुंचने की उम्मीद है.

हिंसा का केन्द्र रहा वडु-बुद्रक गांव छावनी में तब्दील

भीमा कोरेगांव की हिंसा जहां सबसे पहले भड़की, उस वडु-बुद्रक गांव को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया है. इस गांव में हिंसा के बाद कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया था. आपको बता दें कि ये वही गांव है, जहां संभाजी महाराज की समाधि है. गांव में मराठा समाज का बहुत बोलबाला है.

क्विंट से बात करते हुए पुलिस आईजी विश्वास नागरे पाटिल ने कहा कि गांव में आने वाले हर नागरिक की सुरक्षा का खयाल रखा जाएगा, इसका पूरा प्लान तैयार किया गया है. भीमा कोरेगांव में दर्शन के बाद जो लोग वडु गांव आना चाहते हैं, उनके लिए शटल बस सर्विस शुरू की गई है, जिससे आने-जाने में कोई असुविधा न हो.

1 जनवरी के प्रोग्राम के मद्देनजर पुणे और अहमदनगर से आने वाले लोगों के लिए ट्रैफिक भी डाइवर्ट रहेगा. जो इस प्रोग्राम के लिए आना चाहते हैं, उन्हें ही आने दिया जाएगा. वही ड्रोन कैमरा सीसीटीवी की मदद और सोशल मीडिया पर भी पुलिस नजर बनाए रखेगी. उत्तेजित मैसेज भेजने वालों पर कार्रवाई करने की सूचना दे दी गई है.

पिछले साल उत्सव में हिस्सा लेने पहुंचे लोगों की भीड़ हिंसक हो गई, जिसमें एक आदम की मौत हो गई थी. इसके बाद 3 जनवरी को महाराष्ट्र बंद रहा और इस घटना के बाद जातीय विचारधारा की राजनीतिक हलचल तेज हो गई. बाद में पुलिस ने छापेमारी कर मानवाधिकार, नागरिक अधिकार और सिविल सोसायटी के कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया था.  

क्या है भीमा कोरेगांव का इतिहास

1 जनवरी, 1818 के दिन ब्रिटिश सेना के 834 सैनिकों और पेशवा बाजीराव द्वितीय की मजबूत सेना के 28,000 जवानों के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें मराठा सेना पराजित हो गई थी. अंग्रेजों की सेना में ज्यादातर दलित महार समुदाय के लोग शामिल थे.

अंग्रेजों ने बाद में भीमा कोरेगांव विजय-स्तंभ बनाया. दलित समुदाय के लोग इसे ऊंची जातियों पर अपनी विजय का प्रतीक मानते हैं. यहां नए साल पर 1 जनवरी को पिछले 200 साल से सालाना समारोह आयोजित होता रहा है.

कई नेताओं की सभा प्रस्तावित

दलित समाज से जुड़े कई नेताओं को सभा की जानकारी है, जिसमें केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, प्रकाश अम्बेडकर, आनंदराज अम्बेडकर शामिल हैं. उधर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को भीम आर्मी सेना प्रेसिडेंट चंद्रशेखर आजाद को बड़ा झटका देते हुए उनकी पुणे में आयोजित सभा पर रोक लगा दी है.

लोगों में दिख रहा है भाईचारा

भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के एक साल बाद होने वाले शौर्य दिवस से पहले क्विंट की टीम जब यहां हालात का जायजा लेने पहुंची, तो लोगों में भाईचारे की भावना देखने को मिली.

हमारी मुलाकात हुई अमित बोर्डे से, जिनकी दुकान को पिछले साल हुई हिंसा में दंगाइयों ने अपना निशाना बनाया था. अमित कहते हैं, ‘‘हम हिंसा की घटना को बुरे सपने की तरह देखते हैं. उसे याद करके कोई फायदा नहीं, आगे बढ़ना होगा.”

कुछ इसी तरह की भावना पिछले साल यहां पहुंचे दलित युवाओं में भी देखने को मिली थी.

नागपुर से भीमा कोरेगांव पहुंचे तुषार ने कहा, ‘‘बाबासाहेब ने सभी को समान हक दिया है. देश में भाईचारा बढ़ना चाहिए और हम भी यही संदेश सभी को देने लिए यहां पहुंचे हैं.’’

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 31 Dec 2018,08:20 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT