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हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) की अध्यक्षता में शनीवार को कृषि संबंधी विषय पर चर्चा करने के लिए उनके आवास पर एक अहम बैठक बुलाई गई. इस बैठक में भूपेंद्र हुड्डा, अखिलेश प्रसाद सिंह, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत, युद्धवीर सिंह और अन्य किसान नेता मौजूद रहे.
भूपेंद्र हुड्डा ने इससे पहले सोमवार को भी एक अन्य बैठक बुलाई थी. जिसमें कृषि संबंधी विषय पर पार्टी नेताओं से चर्चा की गई थी.
दरअसल कांग्रेस ने आगामी 9 मई को दिल्ली मुख्यालय में कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई है. बैठक में मुख्यतौर पर चिंतन शिविर' की रणनीति पर चर्चा की जायेगी. वहीं शिवर से पहले कृषि, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण, संगठनात्मक, युवा सशक्तिकरण के मुद्दे पर चर्चा के लिए गठित कमेटियां अपनी-अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष के सामने पेश करेंगी.
इन कमेटियों को शिविर में राजनीतिक प्रस्ताव पर विशेष रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. इसी रिपोर्ट पर चर्चा के लिए भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने शनिवार को दूसरे दौर की बैठक की जिसमें गैर कांग्रेसी किसान नेताओं से भी उनकी राय ली गई. निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ राकेश टिकैत ने लम्बे समय तक किसान आंदोलन का नेतृत्व किया. फिलहाल उनकी तरफ से कहना है कि केंद्र सरकार ने अब भी किसानों से किए वादे को पूरा नहीं किया है.
बैठक के बाद हुड्डा ने कहा, पंजाब, तमिलनाडू, कर्नाटक और उत्तराखंड से किसान आए हैं. उन्होंने कहा कि एमएसपी को लेकर सी टू फार्मूला लागू करवाया जाए.
किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा, बीजेपी ने सी टू फॉर्मूले को अपने एजेंडे में रखा. किसान घाटे में जा रहा है. एमएसपी पर खरीद होना सबसे महत्वपूर्ण है. उस कीमत से कम बोली ना लगे. बिजली बिल आता है तो पूरे देश में किसान मुसीबत में आ जाएगा. हमने भूपेंद्र हुड्डा को कहा है कि वे इस बिल पर पार्टी प्लेटफार्म पर चर्चा करें.
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