केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) की जमानत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दी है. अब आशीष मिश्र को एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को नहीं सुना था. आशीष मिश्र की जमानत को लेकर शुरू से ही किसान संगठन और विपक्षी दल सवाल उठा रहे थे. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं.
आशीष मिश्र की जमानत पर किसने क्या कहा?
किसान नेता राकेश टिकैत ने आशीष मिश्र की जमानत कैंसिल होने को लेकर कहा कि, सुप्रीम कोर्ट लखीमपुर खीरी घटना को शुरू से ही मॉनिटर कर रहा है. उसने उत्तर प्रदेश सरकार को भी फटकार लगाई, हमने बार-बार ये कहा कि जो SIT की टीम गठित हुई है, उसने जो रिपोर्ट दी है, उसके आधार पर काम करें. उत्तर प्रदेश सरकार ने ठीक काम नहीं किया तो ही उसको बेल मिली थी.
उन्होंने आगे कहा कि,
आज सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुनवाई करी, उसकी ज़मानत को खारिज़ किया और एक हफ़्ते में कोर्ट में दोबारा सरेंडर करने की बता कही है. हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है, जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट शुरू से इसका संज्ञान ले रहा है तो हमें पूरी न्याय की उम्मीद है.राकेश टिकैत, किसान नेता
किसानों के अलावा विपक्षी दलों ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. मुरादाबास से एसपी सांसद एसटी हसन ने कहा कि, मंत्री हो या मंत्री का बेटा कानून सबके लिए बराबर है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि यह देश कानून से चलेगा ना कि सरकार की ताकत से.
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रियंका गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं की बात को सच मान लिया और जिसके लिए कांग्रेस महासचिव को सीतापुर गेस्ट हाउस में 3 रातें बितानी पड़ीं. उन्होंने कहा कि इसके लिए यूपी सरकार भी जिम्मेदार थी क्योंकि उन्होंने पीड़ित परिवार की नहीं सुनी.
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, इस मामले में ऐसे एक्शन की जरूरत थी.
इसके अलावा कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने इसे किसानों की जीत बताया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)