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बिहार के अररिया रेप केस में रेप सर्वाइवर की मदद करने वाले दो समाजिक कार्यकर्ता को आखिरकार 20 दिनों बाद बेल मिल गई. जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने जन जागरण शक्ति संगठन के सदस्यों तन्मय और कल्याणी को अंतरिम जमानत दी है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिहार पुलिस को नोटिस दिया है. इन दोनों को अररिया सामूहिक बलात्कार मामले में अदालती कार्यवाही को बाधित करने के आरोप में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
बता दें कि अररिया जिले के सिविल कोर्ट के ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने एक 22 साल की कथित गैंग रेप सर्वाइवर को भी अदालत की कार्रवाई बाधित करने के आरोप में जेल भेजा दिया था. हालांकि उन्हें पटना हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बेल मिली. ये अपने आप में पहला मामला होगा जब किसी रेप सर्वाइवर को ही अदालत ने जेल भेजा होगा.
दरअसल, सर्वाइवर का आरोप है कि 6 जुलाई को उसका गैंग रेप किया गया, जिसके बाद 7 जुलाई को उसने अररिया महिला थाना में इसकी शिकायत की.
महिला ने अपनी शिकायत में बताया,
महिला ने अपनी शिकायत में ये भी आरोप लगाया है कि बाइक सिखाने वाले शख्स के सामने उन लोगों ने उसके साथ जबरदस्ती की. लेकिन लाख गुहार लगाने के बाद भी उसने बचाया नहीं और बाइक से वहां से चला गया.
पीड़िता के बयान के मुताबिक, गैंगरेप के बाद रात 10.30 बजे उसे नहर के पास मछली बाजार के पास उन लोगों ने छोड़ दिया. जहां से पीड़िता ने कल्याणी को फोन किया. कल्याणी जन जागरण शक्ति संगठन की सदस्य हैं, और रेप सर्वाइवर उनके यहां काम करती है.
लेकिन जन जागरण शक्ति संगठन के मुताबिक, "रेप सर्वाइवर एक ही सवाल का बार-बार जवाब मांगने और घंटों इंतजार की वजह से मानसिक तनाव में थीं, इसी दौरान ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा, तो वो (रेप सर्वाइवर) परेशान हो गई थी.
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