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मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में 34 लड़कियों से रेप के मामले को लेकर आलोचना झेल रहे राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने 'सिस्टम' को दोषी ठहराया है. साथ ही नीतीश ने सिर्फ विपक्षी नेताओं के आरोप के आधार पर समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को बर्खास्त करने की मांग को खारिज कर दिया. कुमार ने सोमवार को अपने उस फैसले की भी घोषणा की जिसमें एनजीओ के जरिए चलाए जा रहे शेल्टर होम के सिस्टम को धीरे-धीरे खत्म करने की बात है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे सभी केंद्रों का संचालन अपने हाथ में लेगी.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वर्मा से जाने को तभी कहा जा सकता है जब ये पाया जाएगा कि उन्होंने किसी तरह के गलत काम में मदद की न कि सिर्फ इसलिये कि ‘‘शोर'' मचाया जा रहा है. सीएम के इस रुख को डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी का भी समर्थन मिला. कुमार ने इस मामले पर दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर अपने पूर्व पार्टी सहयोगी शरद यादव और दूसरे विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि ये देखकर हैरानी होती है कि महिलाओं के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल करने वाले भी उस मोमबत्ती मार्च में शामिल थे जिसका आयोजन भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे एक शख्स ने किया था.
लोक संवाद कार्यक्रम में मीडिया के सवालों का जवाब देने के वक्त जब ये पूछा गया कि मुख्य आरोपी ब्रजेश कुमार को कभी पुलिस हिरासत में क्यों नहीं लिया गया तो उनके डिप्टी सीएम ने भी इस बात पर जोर दिया कि मंजू वर्मा और किसी दूसरे मंत्री को सिर्फ बयान के आधार पर इस्तीफा देने के लिए नहीं कह सकते. मुजफ्फरनगर केस में अपने पति का नाम आने के बाद वर्मा विवादों के केंद्र में है.
मुजफ्फरपुर कांड में शेल्टर होम में रह रही 42 लड़कियों में से 34 से रेप की बात सामने आई है. इस मामले में विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कुमार ने कहा कि ये लोग तब कहां थे जब जब 31 मई को पहली FIR दर्ज की गई थी और अब उन्हें पिछले कुछ हफ्तों में इस कांड की याद क्यों आई. जेडीयू की वर्मा के समर्थन में मोदी ने कहा कि किसी मंत्री को महज इसलिये इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है कि कुछ लोग शोर मचा रहे हैं.
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