मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप केस और देवरिया नारी निकेतन मामले पर केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा कि सालों से शेल्टर होम की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया, सरकारें उन्हें सिर्फ पैसा देती रहीं. साथ ही दो साल से सांसदों ने मंत्रालय को कोई रिपोर्ट नहीं भेजी.
महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि मुजफ्फरपुर और देवरिया जैसे हालात दूसरी जगहों पर भी हो सकते हैं.
“ये जो मुजफ्फरपुर और देवरिया में हुआ है, इससे हमलोग चकित भी हैं और दुखी भी. मुझे मालूम है कि बहुत सारी ऐसी जगह निकलेगी.”मेनका गांधी, महिला और बाल विकास मंत्री
सांसदों पर फूटा मेनका का गुस्सा
रिमांड होम में महिलाओं और बच्चियों के साथ होनेवाले इस घिनौनी हरकत को लेकर मेनका गांधी ने सभी सांसदों पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि उनके कहने के बावजूद सांसदों ने अपने इलाके के रिमांड होम का दौरा कर सही हालात जानने की कोशिश नहीं की.
“मैं दो सालों से हरेक सांसदों को चिट्ठी लिख रही हूं कि उनके इलाके में महिलाएं और बच्चों के लिए काम करने वाली जो भी संस्थाएं हैं, वहां जाकर हालात देख लें. कोई सांसद आज तक नहीं गया देखने के लिए कि उनके इलाके के रिमांड होम में क्या हो रहा है.”मेनका गांधी, महिला और बाल विकास मंत्री
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब तक हमारे सांसद और विधायक अपने-अपने इलाके के रिमांड होम के हालात का जायजा नहीं लेंगे, जब तक इन मामलों को अपने हाथों में नहीं लेंगे, तब तक देखते जाए, कहां-कहां क्या निकलता है.
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राज्यों में बड़े शेल्टर होम बनाने की सलाह
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मेनका गांधी ने हर राज्य में एक बड़े शेल्टर होम बनाने की सलाह दी. उन्होंने कहा, “सभी राज्यों में एक या दो ऐसे घर बनाएं, जहां बड़ी तादाद में औरतें रह सकें. साथ ही ऐसे ही घर बच्चियों के लिए भी हों. इन जगहों पर एक-दो हजार महिलाएं या बच्चियां एकसाथ रह सकें. अगर ऐसा होता है, तो निगरानी भी आसान होगी और महिलाओं-बच्चियों के लिए रहना भी सुरक्षित रहेगा.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्यों में ऐसे बड़े शेल्टर होम बनाने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय मदद करने को तैयार है.
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