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बिहार के छपरा में जहरीली शराब कांड (Bihar hooch tragedy) के बाद अब JD(U) सुप्रीमो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार आलोचनाओं का सामना कर रही है. इस जहरीली शराब कांड में अब तक कम से कम 39 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गुरुवार, 15 दिसंबर को पलटवार किया. जहां एक तरफ सीएम नीतीश कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि "जो पीएगा, वह तो मरेगा ही". वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी को निशाने पर लेते हुए दावा किया कि नकली शराब से होने वाली मौतों के मामले में बीजेपी शासित राज्यों का ट्रैक रिकॉर्ड सबसे खराब है.
शराबबंदी के बावजूद कथित रूप से शराब पीने से लगभग 40 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि "जो पीएगा, वह तो मरेगा ही. यह तो स्पष्ट है." उन्होंने यहां तक कहा कि सभी लोगों के कहने पर ही शराबबंदी लागू की गई थी. उन्होंने इसके लिए जन जागरूकता चलाने की अपील की है.
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी, तब भी लोग नकली शराब पीकर मर जाते थे. लोगों को सचेत रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी है, तो कुछ न कुछ नकली बिकेगा, इसे पीकर लोगों की मौत हो गई.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को साफ तौर पर कहा है कि गरीबों को न पकड़ें, जो लोग इसका व्यवसाय कर रहे हैं उन्हें पकड़ें. शराबबंदी कानून से कई लोगों को फायदा हुआ है कई लोगों ने शराब छोड़ दी है.
जहां एक तरफ छपरा शराब कांड पर सूबे में विरोधी पार्टी महागठबंधन सरकार को घेर रही है वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उसपर ही पलटवार किया है.
उन्होंने दावा किया कि नकली शराब से होने वाली मौतों के मामले में बीजेपी शासित राज्यों का ट्रैक रिकॉर्ड सबसे खराब है.
तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर सत्ता में रहते हुए चुप्पी साधने का आरोप लगाते हुए कहा कि '4 महीने पहले बीजेपी कहां थी जब उनके एक मंत्री के रिश्तेदार के घर शराब मिली थी?'
राज्य के उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने एक अजीबोगरीब बयान दिया है. उन्होंने लोगों से शरीर की क्षमता (स्ट्रेंथ) बढ़ाने की नसीहत दी है. हाजीपुर में उन्होंने कहा कि बिहार में अवैध रूप से शराब नहीं जहर आ रही है, जिसे पीने से लोग मर रहे हैं, यह बिहार के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए शरीर का स्ट्रेंथ बढ़ाना होगा, दौड़ना होगा, स्पोर्ट्स एक्टिविटी में ज्यादा हिस्सा लेना होगा.
बिहार में जन सुराज पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को एक विफल योजना बनाते हुए इसे 48 घंटे के भीतर रद्द करने की मांग की है. उन्होंने बीजेपी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तीनों पर निशाना साधा और सबको शराबबंदी की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया.
बिहार में शराब त्रासदी का मामला गुरुवार को संसद में भी उठा. बीजेपी सांसदों ने गुरुवार को जहरीली शराब से बिहार में हुई मौतों को "सामूहिक हत्या" करार दिया और केंद्र से इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया.
पश्चिम चंपारण से बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए दावा किया कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद पुलिस अधिकारियों के संरक्षण में नकली शराब की बिक्री फल-फूल रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने उनमें से किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. औरंगाबाद से बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह ने जहरीली शराब से हुई मौतों को "सामूहिक हत्या" करार दिया और इसके लिए बिहार सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार सारण (छपरा) जिले के जिस मढ़ौरा अनुमंडल के मशरख थाना एवं इसुआपुर थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब पीने से मौत हुई है, उस मशरख के थाना प्रभारी और चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. दूसरी तरफ इस मामले में अब तक 126 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
(Input-IANS)
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