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लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabah Election 2024) के दौरान बिहार (Bihar) के दरभंगा जिले के एक गांव में 3 युवती और 1 युवक पर फर्जी मतदान का आरोप लगा है. वहीं 150 से ज्यादा लोगों पर थाने में हंगामा करने और हिरासत में लिए गए चारों लोगों को जबरन छुड़ाने का आरोप है. इस मामले में पुलिस ने 150 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. मामला सामने आने के बाद से कई घरों के लोग गांव छोड़कर जा चुके हैं. वहीं पुलिस ने नामजद आरोपियों के घरों पर CRPC की धारा 82 (फरार व्यक्ति के लिए उद्घोषणा) के खिलाफ नोटिस भी लगाया है.
दरअसल, दरभंगा जिले के दो विधानसभा क्षेत्र- केवटी और जाले मधुबनी लोकसभा संसदीय क्षेत्र में आते हैं. 20 मई को मधुबनी लोकसभा सीट पर वोटिंग हुई. इस दौरान जाले विधानसभा की देवरा बंधौली गांव में विवाद हो गया.
ग्रामीणों के मुताबिक, स्थानीय बीजेपी विधायक जिवेश कुमार ने गांव में बने बूथ पर फर्जी मतदान का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया. इस दौरान उनकी वहां मौजूद आरजेडी समर्थकों से बहस हो गई.
इस सबके बीच, मौके पर मौजूद एक युवती के पास से किसी दूसरे शख्स का प्रमाण पत्र मिला, जिसे पुलिस ने हिरासत में लिया. इसके साथ ही पुलिस ने दो अन्य युवती और एक युवक को भी हिरासत में लिया और जाले थाने ले गई.
ग्रामीणों का कहना है कि वोटिंग खत्म होने के बाद परिजन अपने बच्चों को छुड़ाने के लिए थाने के बाहर इंतजार करते रहे. लेकिन देरी होने पर देवरा सहित अन्य गांवों के सैकड़ों लोग जुट गए. इसके बाद चारों बच्चे थाने से बाहर आ गए.
हालांकि, गांव के ही एक दुकानदार ने बताया कि भीड़ ने किसी को भी थाने से जबरन नहीं निकाला. बल्कि हिरासत में मौजूद युवती की तबीयत बिगड़ने पर पुलिस के कहने पर ही परिजन बच्चों को खाना खिलाने बाहर ले गए थे. फिर जब उन्हें दोबारा बुलाया गया तो वह सभी थाने गए.
दुकानदार ने पुलिस पर दवाब में आकर केस दर्ज करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही उनका कहना है कि इस पूरी घटना से गांव के लोग दहशत में हैं.
पुलिस ने अब तक दो मामले दर्ज किए हैं. पहला मामला (केस नंबर- 103/24) 20 मई को फर्जी मतदान को लेकर दर्ज किया है. वहीं दूसरा मामला (104/24) 21 मई को जाले थाने पर हंगामा, प्रशासनिक कार्य में बाधा डालने और महिला पुलिसकर्मी से दुर्व्यवहार करने को लेकर दर्ज किया गया है.
वहीं दूसरा मामला IPC की धारा 147, 148, 149, 323, 324, 225, 353, 354 (B) और 504 के तहत दर्ज किया गया है.
मामले की जांच के लिए सिटी एसपी के नेतृत्व में SIT का भी गठन किया गया है.
इस पूरे मामले में अब तक 4 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. वहीं बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. सोमवार, 27 मई को पुलिस ने नामजद 23 आरोपियों के घरों पर सीआरपीसी की धारा 82 (फरार व्यक्ति के लिए उद्घोषणा) का नोटिस लगाया था.
हालांकि, बोगस वोटिंग मामले पर किसी भी पदाधिकारी ने अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा है. वहीं स्थानीय पंचायत समिति सदस्य अब्दुल माबूद ने फर्जी मतदान की बात को गलत बताते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है.
वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद लोग देवरा बंधौली गांव छोड़कर चल गए हैं. कई घरों पर ताले लटके हैं. दुकानें भी बंद हैं.
गांव के लोग इस पूरे विवाद के लिए बीजेपी विधायक जिवेश कुमार को दोषी ठहरा रहे हैं. लोगों का आरोप है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जिवेश कुमार इस मामले को तूल दे रहे हैं. जिसका फायदा उन्हें आगामी चुनाव में मिल सके.
इस पूरे मामले को लेकर जाले विधायक जिवेश कुमार और मधुबनी लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद और बीजेपी उम्मीदवार अशोक यादव ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जिवेश कुमार ने पूरे घटनाक्रम को "बुर्का जिहाद" करार दिया. वहीं अशोक यादव ने चुनाव आयोग से मतदान के दौरान बुर्का पर रोक लगाने की मांग की है.
पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भी देवरा बंधौली का दौरा कर पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि वोट लेने के बाद आरजेडी नेताओं को इन लोगों से कोई मतलब नहीं है.
मधुबनी लोकसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी मो. अली अशरफ फातमी ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता कर पुलिस प्रशासन से बीजेपी नेताओं के दबाव में हो रही एक पक्षीय करवाई रोकने की अपील की है.
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