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बिहार में विपक्षी दलों ने मिलकर बिहार चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है. इस पत्र में लिखा गया है कि चुनाव आयोग बिहार राज्य में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले चुनाव में सभी के लिए 'बराबर मौके' सुनिश्चित करे. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि चुनाव आयोग को दो लक्ष्यों को सुनिश्चित करना चाहिए- एक तो वोटर्स की कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षा सुनिश्चित करें और दूसरा निष्पक्ष चुनाव आयोजित कराएं.
एनडीटीवी के मुताबिक विपक्षी पार्टियों ने पत्र में लिखा है कि- 'बिहार राज्य में 13 करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या है और करीब 7.5 करोड़ वोटर हैं. चुनाव आयोग WHO और ICMR की दो यार्ड की दूरी बनाए रखने की सलाह को कैसे लागू करेगा.'
विपक्षी दलों ने ये भी मुद्दा उठाया कि बीजेपी वर्चुअल तरीके से इलेक्शन की योजना का समर्थन कर रही है और फिजिकल तरीके से चुनाव प्रचार पर बैन लगाने की बात कर रही है.
विपक्षी दलों ने महामारी के संक्रमण को देखते हुए फैसले लेने का आग्रह किया. ताकि लोगों के स्वास्थ्य और लोकतांत्रिक अधिकारों को सुनिश्चित किया जा सके.
चुनाव आयोग और 9 पार्टियों की एक वर्चुअल मीटिंग हुई जिसके बाद पार्टियों ने चुनाव आयोग को मेमोरंडम दिया.
इसके पहले 16 जुलाई को चुनाव आयोग ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया, जिसमें 65 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं को पोस्टल बैलेट से वोट देने की सुविधा देने का ऐलान किया गया था. चुनाव आयोग ने गुरुवार को जारी सूचना में कहा है कि बिहार विधानसभा और दूसरे उपचुनावों में 65 साल से अधिक के मतदाताओं को पोस्टल बैलेट सुविधा न देने का फैसला किया गया है.
चुनाव आयोग ने कहा है कि कोरोना वायरस को देखते हुए 65 साल से अधिक के लोगों को वोट डालने के लिए पोस्टल बैलेट सुविधा देने की सिफारिश हुई थी. ताकि वे बगैर किसी के संपर्क में आए अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. आयोग की सिफारिश पर लॉ एंड जस्टि मंत्रालय ने 19 जून को नियमों में संशोधन की नोटिफिकेशन जारी कर दी थी. लेकिन इस नियम को लागू नहीं किया जाएगा.
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