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देशभर में लोग गर्मी से बेहाल हैं. हर रोज तापमान बढ़ता जा रहा है. ऐसे में बिहार में स्कूली बच्चों के लिए गर्मी मुसीबत बन गई है. बिहार के जिलों का तापमान 42 से लेकर 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. ऐसे में कई प्राइवेट स्कूल भले ही गर्मी की छुट्टियों की वजह से बंद हों लेकिन सरकारी स्कूलों में सुबह 6:00 से लेकर दोपहर के 1:30 खोला जा रहा था. ऐसी स्थिति में आए दिन बच्चे हीटवेव की चपेट में आकर बीमार पड़ रहे हैं. हालांकि, बिहार सरकार ने क्लास 1 से 8 तक की टाइमिंग बदल दी है. नए आदेश के बाद अब स्कूल सुबह 6 बजे से 10 बजे तक ही संचालित होंगे.
बुधवार की सुबह बिहार की राजधानी पटना का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तो औरंगाबाद का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. ऐसे में सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की तबीयत अचानक से खराब होने लगी और एक-एक कर के बिहार के जिलों से बच्चों के बेहोश होने की सूचना आने लगी.
शेखपुरा जिले के अरियारी थाना क्षेत्र के मध्य विद्यालय मनकौल राजकीय विद्यालय में बुधवार की सुबह भीषण गर्मी से 16 छात्राएं बेहोश हो गईं. बेहोशी की हालत में छह छात्राओं को बाइक और टोटो से सदर अस्पताल शेखपुरा में भर्ती कराया गया. दो छात्राओं को निजी अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान बेहोश बच्चों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा भी मुहैया नहीं हो सकी. घटनाक्रम से आक्रोशित ग्रामीणों ने शेखपुरा – ससबहना सड़क मार्ग को जाम कर दिया.
वहीं, शेखपुरा जिला के सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक सिंह ने बताया कि सुबह 10:00 के आसपास अचानक से सदर अस्पताल में हीटवेव से बेहोश हुई बच्चियों को लाया गया. जहां उनका इलाज हीटवेव के लिए बनाए गए वार्ड में चल रहा है और अभी सारी बच्चियां सुरक्षित हैं.
बिहार के बेगूसराय जिले में स्कूल में पढ़ने के दौरान 15 बच्चे एक साथ गर्मी की वजह से बेहोश हो गए. विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया की साढ़े आठ बजे कई कक्षाओं में बच्चे बेहोश होने लगे.
घटना की सूचना मिलते ही प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रखंड प्रमुख समेत आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर बच्चों को इलाज के लिए बेगुसराय के मटिहानी स्थित रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल बच्चों का इलाज चल रहा है.
गर्मी की वजह से बच्चों की तबीयत खराब होने की खबर को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
उन्होंने कहा, "बिहार में लोकतंत्र नहीं रह गया, सरकार नहीं रह गई. केवल ब्यूरोक्रेसी रह गई है. अफसर शाही चरम सीमा पर है. आप तो जानते ही हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री की बात स्कूल के टाइमिंग को लेकर नहीं सुनी जाती है. आप खुद ही समझ जाइए कि बिहार में इस समय क्या स्थिति है. मुख्यमंत्री इतने कमजोर क्यों हो गए."
तेजस्वी यादव बोले, "वर्तमान समय में बिहार का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस है. लू चल रही है. छोटे बच्चे हैं. उनकी शारीरिक अवस्था को देखते हुए इन लोगों को बच्चों को रिलैक्सेशन देना चाहिए. यह तो कोई भी एडवाइस करता है कि लू में ना निकले. डॉक्टर तक कहते हैं लूं मैं ना निकले एक्सपोज ना हो. जहां तक बात इंफ्रास्ट्रक्चर की की जाए तो बिहार के स्कूलों की स्थिति भी वैसी नहीं है. स्कूल जाएंगे तो सुरक्षित और स्वस्थ रहेंगे. इस हालत में मुख्यमंत्री तो कुछ कर ही नहीं पा रहे. इससे तो यह साफ स्पष्ट हो रहा है कि मुख्यमंत्री को कुछ लोगों ने घेर रखा है. अब उनके हाथ में कुछ भी नहीं रखा है."
वहीं जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, "भीषण गर्मी में बच्चों का बेहोश होना गंभीर मामला है और इसको गंभीरता से लेना चाहिए. अगर कहीं पर भी कोई लापरवाही है तो इसको बिहार सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए. जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है और स्कूलों में बच्चों के लिए उस तरह की फैसिलिटी नहीं है इसको देखते हुए बिहार सरकार को यदि छुट्टी करने की जरूरत पड़े तो वह छुट्टी भी करे."
बिहार राजभवन ने बिहार सरकार से भीष्म गर्मी को देखते हुए पिछले दिनों सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी बढ़ाने को लेकर एक पत्र लिखा था. हालांकि छुट्टी बढ़ाई तो नहीं गई लेकिन बिहार सरकार ने स्कूल की टाइमिंग में बदलाव किया है.
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