Home News India बिहार:9 महीने बाद खुले स्कूल,छात्रों के लिए बनी कोरोना गाइडलाइन
बिहार:9 महीने बाद खुले स्कूल,छात्रों के लिए बनी कोरोना गाइडलाइन
सभी छात्रों को स्कूल की तरफ से दो मास्क दिए जाएंगे. ये मास्क वॉशेबल होंगे. स्कूल कैंपस में मास्क पहनना अनिवार्य है.
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कोरोना वायरस के कारण कई राज्य में स्कूल बंद हैं
(File फोटो: PTI)
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कोरोना और लॉकडाउन की वजह से 9 महीने से बंद बिहार के स्कूल औज खुल गए. नए साल में स्कूल खोले जाने को लेकर बिहार सरकार की शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन भी जारी की है. फिलहाल स्कूलों को दो फेज में खोले जा रहे हैं. पहले फेज में 9वीं से लेकर 12वीं क्लास के बच्चों के लिए स्कूल खुले हैं. वहीं दूसरे फेज में 19 जनवरी से नर्सरी से लेकर आठवीं क्लास के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की योजना है. स्कूल के साथ-साथ कॉलेज और कोचिंग संस्थान भी आज से खुल गए हैं.
बिहार की शिक्षा विभाग ने कोरोना को लेकर खास गाइडलाइन बनाई है, ताकि छात्रों को वापस स्कूल लाया जा सके और उनकी पढ़ाई वापस पटरी पर लौट सके.
क्या है गाइडलाइन
शुरुआती दौर में अभी स्कूलों में सिर्फ 50 फीसदी छात्रों को ही आने की इजाजत दी गई है. पहले दिन 50% तो दूसरे दिन दूसरे 50% छात्र आएंगे.
सभी छात्रों को स्कूल की तरफ से दो मास्क दिए जाएंगे. ये मास्क वॉशेबल होंगे. स्कूल कैंपस में मास्क पहनना अनिवार्य है.
थर्मल स्कैनर, सेनेटाइजर, हैंड वॉश और साबुन भी स्कूल में रखना होगा.
क्लास रूम में छात्रों के बीच भी दूरी बनाकर रखनी होगी. शैक्षणिक संस्थानों और विद्यालयों में बैठने की व्यवस्था को लेकर गाईडलाइन के मुताबिक छात्र-छात्राओं के बीच कम से कम छह फीट की दूरी के साथ बैठने के व्यवस्था की जाय. शिक्षक और कर्मियों के कमरे में भी इस शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा.
स्कूल परिसर, पानी की टंकी, वाशरूम को सेनेटाइज किया जाएगा. साथ ही इस बात का भी द्यान देना होगा कि कोई कहीं भी खुले में थूक न फेंके.
शैक्षणिक संस्थानों और विद्यालयों में बैठने की व्यवस्था को लेकर डीएम ने कहा है गाईडलाइन के अनुसार छात्र-छात्राओं के बीच कम से कम छह फीट की दूरी के साथ बैठने के व्यवस्था की जाय. शिक्षक एवं कर्मियों के कमरे में भी इस शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा
एंट्री और एग्जिट गेट पर एक साथ भीड़ इकट्टा न हों, ऐसी व्यवस्था करने का निर्देश भी जारी किया गया है.
शिक्षण संस्थानों के परिसर, भवनों और क्लास रूम के फर्नीचर, उपकरण, शौचालय और लाइब्रेरी की सफाई और संक्रमण मुक्त रखने की व्यवस्था का निर्देश भी दिया गया है.
शिक्षण संस्थानों को वैसे आयोजनों से भी बचने को कहा गया है जिसमें शारीरिक दूरी का पालन करना संभव ना हो.
छात्र, छात्राओं के स्कूल आने से पहले माता–पिता या उनके अभिभावकों से सहमति लेने का निर्देश भी दिया गया है.
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छात्रों का होगा रैंडम कोरोना टेस्ट
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के मुताबिक सरकारी स्कूलों में छात्रों की चिकित्सीय जांच ‘बिना क्रम के’ (रैंडम) आधार पर की जाएगी.
बिहार में कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ एहतियात के तौर पर 13 मार्च, 2020 से ही स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए थे.
बता दें कि बिहार में अबतक कोविड-19 के कुल 2,53,651 मामले सामने आये हैं जिनमें 2,47,579 लोग इससे ठीक हो चुके हैं. फिलहाल बिहार में कोविड-19 के मरीजों की संख्या 4669 है जबकि मृतकों की संख्या 1403 है.