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30 अक्टूबर को, बिहार के वैशाली जिले के रसलपुर हबीब गांव में 20 साल की एक युवती को छेड़खानी और स्टॉकिंग का विरोध करने पर जिंदा जला दिया गया. दो आरोपियों- सतीश और चंदन ने युवती पर केरोसीन जालकर उसे आग लगा दी. 15 दिनों तक अस्पताल में लड़ने के बाद, रविवार 15 नवंबर को पीड़िता ने पटना के एक अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया.
पीड़िता के बयान में आरोपी का नाम लेने के दो हफ्ते बाद उसे गिरफ्तार किया गया. अपने बयान में पीड़िता ने कहा था, “सतीश राय और चंदन राय ने मुझसे बदतमीजी करनी शुरू कर दी और फिर मुझपर केरोसीन डालकर मुझे आग लगा दी.” पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि आरोपी के परिवार से उन्हें धमकियां दी जा रही थीं.
29 अक्टूबर को, आरोपी सतीश ने कथित तौर पर पीड़िता से कहा था कि अगर वह उससे शादी करने से इनकार करती है, तो वह उसे जान से मार देगा. पीड़िता की मां ने क्विंट को बताया,
पीड़िता की मां के मुताबिक, सतीश ने अगले दिन फिर उनकी बेटी को परेशान किया. उन्होंने बताया, “उसने मेरी बेटी को फिर शादी करने को लेकर धमकी दी, उसने कहा कि अगर उसने शादी से मना किया, तो वो उसकी जान ले लेगा. मेरी बेटी ने उससे कहा कि वो उससे शादी नहीं करना चाहती, और उसे लड़के में कोई इंट्रेस्ट नहीं है, वो फिर भी उसके पीछे पड़ा रहा. उसने उससे ये भी कहा कि वो उससे शादी नहीं कर सकती क्योंकि वो मुस्लिम है और वो हिंदू, लेकिन सतीश ने नहीं सुनी.”
पीड़िता ने सतीश को ये भी बताया था कि उसकी सगाई हो चुकी है.
पीड़िता की मां ने बताया कि सतीश के रिश्तेदार प्रमोद राय के कहने पर उनकी बेटी को तुरंत एक प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया. उन्होंने क्विंट को बताया, “मैं एक टेलर हूं, घटना के वक्त मैं घर पर नहीं थी, काम की वजह से पटना गई थी. जब मैं वापस आ रही थी, तब मुझे प्रमोद राय का फोन आया, उन्होंने बताया कि मेरी बेटी को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मैंने उनसे कहा कि हम प्राइवेट अस्पताल में मेडिकल खर्चा उठा नहीं पाएंगे, प्रमोद राय ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल में इलाज से मेरी बेटी बच जाएगी.”
पीड़िता की मां ने ये भी कहा कि जब वो अपने परिवार के साथ अस्पताल पहुंची, तो उन्होंने प्रमोद राय को डॉक्टरों को कुछ पैसे देते हुए और ये कहते देखा कि उनकी बेटी का इलाज हो, लेकिन मामला कहीं नहीं जाना चाहिए.
उन्होंने बताया कि शुरुआत में उनकी बेटी का इलाज सही हुआ, लेकिन दो दिन के बाद हालात खराब हो गए. उन्होंने कहा, “हमने इलाज के लिए 7 हजार रुपये दिए, लेकिन बाद में फीस 1 लाख 40 हजार तक बढ़ गई। हमारे पास इतने पैसे नहीं है, मैं एक टेलर हूं, हमारे साथ धोखा हुआ.”
पीड़िता के भाई ने कहा कि यादव ने सोशल मीडिया पर लोगों से इलाज के लिए डोनेट करने को कहा, लेकिन सभी पैसे यादव के अकाउंट में गए.
पीड़ित परिवार के 30 अक्टूबर को शिकायत करने के बाद, मामले में 2 नवंबर को एफआईआर दर्ज की गई. पीड़िता की मां ने आरोप लगाया कि प्रमोद राय के प्रभाव के कारण शुरुआत में एफआईआर नहीं लिखी गई.
वैशाली के एसपी, डॉ. गौरव मंगला ने क्विंट को बताया कि चांदपुरा के ऑफिसर-इन-चार्ज को जांच में देरी के लिए निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपी चंदन को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पीड़िता की मौत और जांच में देरी को लेकर, परिवार ने विरोध प्रदर्शन किया. परिवार ने पीड़िता के लिए इंसाफ और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. सोशल मीडिया पर भी लोग पीड़िता के लिए इंसाफ मांग रहे हैं.
पुलिस के जांच सुनिश्चित करने के बाद, परिवार ने पीड़िता का अंतिम संस्कार किया.
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