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30 अक्टूबर को, बिहार के वैशाली जिले में 20 साल की युवती को छेड़खानी और स्टॉकिंग का विरोध करने के लिए युवकों ने केरोसीन डालकर आग लगा दी. 15 नवंबर को पटना के एक अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया. युवती की मौत के बाद सोशल मीडिया पर उनके लिए इंसाफ की मांग की जा रही है.
इसी बीच, RJD नेता तेजस्वी यादव की 2018 के एक कैंडल मार्च की फोटो इस दावे के साथ वायरल हो गई है कि उन्होंने वैशाली की पीड़िता के लिए इंसाफ की गुहार लगाते हुए मार्च निकाला.
ये फोटो फेसबुक और ट्विटर पर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है: "बिहार की बेटी *** के इंसाफ के लिए Tejashwi Yadav भैया कैंडल मार्च के साथ सड़क पर उतर गए हैं। देखते हैं अपराधी कब तक फांसी पर लटकते हैं। लेकिन ये एक अच्छी पहल और शुरुआत है कि बिकाऊ सिस्टम के सामने लोग आवाज़ बुलंद करने लगे."
वायरल फोटो में किसी ने भी मास्क नहीं पहना है, जिससे इसके हाल ही के होने पर संदेह पैदा होता है. क्विंट की वेबकूफ टीम ने फोटो पर रिवर्स इमेज सर्च किया, जिसके बाद हमें ABP न्यूज और न्यूज नेशन की दिसंबर 2018 की रिपोर्ट्स मिली, जिलमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये फोटो 2018 की है, जब बिहार में विपक्ष ने कारोबारी गुंजन खेमका की मौत के बाद कैंडल मार्च का आयोजन किया था. इस मार्च में तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे.
हमने वायरल फोटो की तुलना ABP न्यूज की फोटो से की और पाया कि ये दोनों तस्वीरें एक ही इवेंट की हैं.
इस फोटो को तेजस्वी यादव ने 24 दिसंबर 2018 को अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर किया था.
इसके अलावा, RJD के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर तेजस्वी यादव के गुलनाज खातून के लिए आयोजित किसी भी कैंडल मार्च में शामिल होने को लेकर कोई अपडेट नहीं थे.
इससे साफ होता है कि दो साल पुरानी एक फोटो को हाल की घटना से जोड़कर शेयर किया जा रहै है.
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