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शहीदों के लिए रो पड़ा UP,चंदौली में परिवार की मांग-मुख्यमंत्री आएं

बीजापुर नक्सली हमले में शहीद जवानों में से दो यूपी, पार्थिव शरीर पहुंचने पर अमर रहें के नारे

विवेक मिश्रा & अभय कुमार सिंह
भारत
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साल 2021 के सबसे बड़े नक्सली हमले में देश ने 22 जवानों को खो दिया है. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए हमले में 9 सीआरपीएफ के हैं, जबकि बाकी राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हैं. इन शहीदों में दो यूपी अयोध्या और चंदौली के रहने वाले भी हैं. अयोध्या के राजकुमार यादव और चंदौली के धर्मदेव कुमार का पार्थिव शरीर गृह जिलों में पहुंचते ही स्थानीय लोगों का जमा होना शुरू हो गया. देश तो इन जांबाज जवानों की शहादत को याद कर ही रहा है, इनके जिलों में सबकी आंखें नम नजर आईं. 'राजकुमार यादव अमर रहे, धर्मदेव अमर रहे' के नारों के साथ-साथ लोग पार्थिव शरीर के साथ-साथ चलने लगे. चंदौली के शहीद के परिवार ने मांग रखी है कि जबतक सीएम या रक्षामंत्री नहीं आते, तबतक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.

बता दें कि इन दोनों शहीदों के परिजनों की मदद के लिए यूपी सरकार ने 50-50 लाख देने का ऐलान किया है. परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और जिले में एक सड़क उनके नाम करने की भी घोषणा है.

चंदौली: शहीद के परिवार की मांग मिले पूरा सम्मान, एक भाई भी देश की सेवा में

चंदौली के चईका गांव में रहने वाले धर्मदेव का पार्थिव शरीर सोमवार की रात वाराणसी के एयरपोर्ट पर पहुंचा. मंगलवार को सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ हजारों लोग शहीद की शव यात्रा में शामिल हुए. शहीद के पिता रामआश्रय गुप्ता और छोटे भाई सीआरपीएफ के जवान धनंजय ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है. ग्रामीण भी परिजनों के इस फैसले के साथ खड़े हैं. परिजनों का कहना है कि सीएम या रक्षामंत्री के आने के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा. शहीद के परिवार का कहना है कि वैसे तो कई सारे मंत्री इस जिले से आते हैं, रक्षामंत्री का तो ये गृह जिला है लेकिन फिर भी सत्ता पक्ष का कोई भी नेता या मंत्री इस गांव में नहीं आया. परिवार इस बात पर अड़ा है कि जबतक सीएम या खुद रक्षामंत्री नहीं आते शव को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जाया जाएगा. परिवार का कहना है कि उनकी बात रक्षा मंत्री से हुई है उन्होंने भरोसा दिया है कि उनका आना तो संभव नहीं है लेकिन वो सीएम से बात करेंगे. जिला प्रशासन परिवार को मनाने में जुटा है.

धर्मदेव 2012 में हुए थे सीआरपीएफ में भर्ती

अपने परिवार में सबसे बड़े बेटे धर्मदेव (32 साल) साल 2012 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. उनके दूसरे भाई धनंजय कुमार भी सीआरपीएफ छत्तीसगढ़ में ही तैनात थे. जबकि तीसरे भाई आनन्द कुमार घर पर ही रहते है. शहीद धर्मदेव की दो बेटियां है. 8 साल की मीना और 2 साल की साक्षी. शहादत की खबर मिलने के बाद से ही परिवार बेसुध है.

अयोध्या: 10 जनवरी को छुट्टी से गए थे शहीद, मां कैंसर पीड़ित हैं

शहीद राजकुमार यादव का पार्थिव शरीर अयोध्या पहुंचने पर सैंकड़ों लोग इकट्ठे हुए थे. परिवार में सबसे बड़े राजकुमार 10 जनवरी को अपनी छुट्टी पूरी कर वापस ड्यूटी पर गए थे. सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो विंग में शहीद राजकुमार यादव तैनात थे. शहीद जवान राजकुमार परिवार में सबसे बड़े थे. तीन भाई और दो बहनों में सबसे बड़े राजकुमार ने अपनी सारी जिम्मेदारी निभाई थी. मगर विवाह के लिए अभी एक छोटा भाई और एक बहन बची थी. शहीद जवान की मां कैंसर से पीड़ित हैं और उनका इलाज लखनऊ में चल रहा है. जवान के शहीद होने की खबर मिलने पर पत्नी बेसुध हो गई. शहीद जवान के भाई के अनुसार 2 दिन पूर्व हुई बात हुई थी. मृतक राजकुमार यादव के दो बच्चे हैं. पहला बच्चा शिवम 15 वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा दे रहा है तो दूसरा बच्चा हिमांशु कक्षा 6 का छात्र है.

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