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Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के सजा माफी के आदेश को 8 जनवरी को रद्द कर दिया. जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने अपने फैसले में कहा,"हमारा मानना है कि गुजरात सरकार के पास छूट के लिए आवेदन पर विचार करने या उत्तरदाताओं (दोषियों) को छूट देने का कोई अधिकार नहीं था.“
जस्टिस बीवी नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर, 1962 को कर्नाटक के पन्दवापुरा में हुआ था. नागरत्ना ने जीसस एंड मैरी कॉलेज से स्नातक किया और इसके बाद दिल्ली के लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री ली. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बेंगलुरु में एक वकील के रूप में की थी.
क्विंट हिंदी में 2 जनवरी 2023 छपी एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1975 में नागरत्ना ने बी एन गोपाला कृष्णा से शादी की थी. उनसे उन्हें दो बेटियां नयनतारा बीजी और प्रेरणा बीजी हैं.
फरवरी 2008 में जस्टिस नागरत्ना कर्नाटक हाईकोर्ट में एक अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त की गई थीं. फिर 2010 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया. 2021 में जब सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने केंद्र सरकार के पास कोर्ट में खाली पड़ी वैकेंसी के लिए 9 नामों की सिफारिश की तो उनमें जस्टिस बीवी नागरत्ना का नाम भी शामिल था. इस तरह बीवी नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बनीं.
जस्टिस नागरत्ना के पिता ईएस वेंकटरमैया 1989 में करीब छह महीने के लिए भारत के मुख्य न्यायामूर्ति (CJI) थे.
जस्टिस उज्ज्वल भुइयां का जन्म 2 अगस्त 1964 को गुवाहाटी में हुआ था.
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा डॉन बॉस्को हाई स्कूल, गुवाहाटी से की और कॉटन कॉलेज, गुवाहाटी से पढ़ाई की.
भुइयां ने गुवाहाटी के सरकारी लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक की डिग्री और गौहाटी विश्वविद्यालय से कानून में मास्टर की डिग्री प्राप्त की.
20 मार्च 1991 को, उन्हें असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश की बार काउंसिल में नामांकित किया गया था.
6 सितंबर 2010 को, उन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट द्वारा सीनियर एडवोक्ट के रूप में नामित किया गया था.
21 जुलाई 2011 को तात्कालीक राज्य सरकार ने उन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) के रूप में नियुक्त किया था.
उन्हें 17 अक्टूबर 2011 को गुवाहाटी हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और 20 मार्च 2013 को स्थायी न्यायाधीश बनाया गया था.
भुइयां को 3 अक्टूबर 2019 को बॉम्बे हाईकोर्ट और फिर 22 अक्टूबर 2021 को तेलंगाना हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में ट्रांसफर किया गया था.
28 जून 2022 को उन्हें तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था
14 जुलाई 2023 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था.
शोभा गुप्ता को कानूनी पेशे में केवल सात साल ही हुए थे, जब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने उन्हें 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गैंगरेप की शिकार पीड़िता बिलकिस बानो का वकील नियुक्त किया था.
लिंक्डइन पर शोभा गुप्ता की प्रोफाइल के अनुसार, उन्हें वकालत का अब तक करीब 3 दशक का अनुभव है. उन्होंने 1990 में राजस्थान हाईकोर्ट में अपने लॉ करियर की शुरुआत की थी. इसक बाद से अब तक वो कई सरकारी पैनल और प्राइवेट फर्म की अधिवक्ता रह चुकी हैं. साल 2000 में वो एनएचआरसी से जुड़ी हैं. इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी वकालत की है. वो कई बड़े मामलों में अधिवक्ता के तौर पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में बहस कर चुकी हैं.
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